मिलावटी सरसों तेल बेचने पर ऑयल कंपनी पर ₹2.30 लाख का जुर्माना, व्यापारी भी कार्रवाई की जद में

पिथौरागढ़ जिले से दो अहम मामले सामने आए हैं। पहला मामला खाद्य तेल में मिलावट से जुड़ा है, जबकि दूसरा चरस तस्करी से संबंधित है।…

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पिथौरागढ़ जिले से दो अहम मामले सामने आए हैं। पहला मामला खाद्य तेल में मिलावट से जुड़ा है, जबकि दूसरा चरस तस्करी से संबंधित है। दोनों मामलों में अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों पर कार्रवाई की है।

खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से दायर वाद की सुनवाई करते हुए एडीएम और न्याय निर्णायक अधिकारी योगेंद्र सिंह की अदालत ने एक तेल निर्माता कंपनी और तीन व्यापारियों पर कुल दो लाख तीस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर आरके शर्मा ने बताया कि साल 2023 में वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने पिथौरागढ़ नगर के सिमलगैर बाजार में एक दुकान से कच्ची घानी सरसों के तेल का नमूना लिया था। जांच रिपोर्ट रुद्रपुर की प्रयोगशाला से आने पर पता चला कि तेल मानक के अनुरूप नहीं था। इसके बाद विभाग ने आगरा की तेल निर्माता कंपनी, हल्द्वानी के कालाढुंगी चौराहे पर स्थित थोक व्यापारी और पिथौरागढ़ के खुदरा विक्रेता के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया। सुनवाई के बाद एडीएम योगेंद्र सिंह की अदालत ने हल्द्वानी और पिथौरागढ़ के व्यापारियों पर पंद्रह पंद्रह हजार रुपये और तेल कंपनी पर दो लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है। साथ ही कंपनी को भविष्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।

दूसरा मामला चरस तस्करी से जुड़ा है। पिथौरागढ़ के विशेष सत्र न्यायाधीश एनडीपीएस शंकर राज की अदालत ने तीन तस्करों को सजा सुनाई है। पुलिस ने साल 2020 में चौकी घाट क्षेत्र में वाहन जांच के दौरान तीन लोगों को 239 ग्राम अवैध चरस के साथ पकड़ा था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में महेश भट्ट, मनोज पांडे और कैलाश भट्ट शामिल थे। तीनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। विवेचना पूरी होने के बाद 2021 में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल हुआ और करीब साढ़े चार साल तक चली सुनवाई के बाद मंगलवार को फैसला सुनाया गया।

अदालत ने महेश भट्ट और मनोज पांडे को तीन साल का कठोर कारावास और पच्चीस हजार रुपये का अर्थदंड जबकि कैलाश भट्ट को एक साल की सजा और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा दी है। अर्थदंड अदा न करने पर तीनों को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत ने माना कि आरोपियों के खिलाफ प्रस्तुत साक्ष्य अपराध को सिद्ध करते हैं, इसलिए उन्हें दोषी ठहराया गया है।