अपराध नियंत्रण और इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए 282 करोड़ के खर्च के बाद स्मार्ट सिटी की तीसरी आंख यानी कैमरा की खामी अब सामने आई है। लाल सफेद रंग के हेलमेट पहनने वालों के भी चालान कट रहे हैं।
कमरे में तेज रफ्तार दौड़ते वाहनों की नंबर प्लेट साफ नजर नहीं आ रही। इससे गलत नंबर प्लेट के फोटो खींचकर चालान के लिए यातायात पुलिस को भेजे जा रहे हैं। इस संबंध में यातायात पुलिस स्मार्ट सिटी लिमिटेड को पत्र लिखा गया है।
मगर समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। हर माह गलत चालान काटने की वजह से 40- 50 सामने ऐसे आ रहे हैं जो गलत है स्मार्ट सिटी के तहत आगरा में 63 चौराहों पर 1,578 कैमरे लगाए गए हैं। इनमें 43 चौराहों पर कैमरों का उपयोग चालान की कार्रवाई में हो रहा है।
इन कैमरा की मदद से एमजी रोड के चौराहों के साथ ही बोदला, सिकंदरा, भगवान टाॅकीज, रामबाग, लोहामंडी, साकेत काॅलोनी, कारगिल चौराहा, फतेहाबाद और शमसाबाद रोड पर ट्रैफिक मैनेजमेंट किया जाता है। इसके अलावा सभी के लिए 5500 कैमरा को भी स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम से जोड़ा गया।
नगर निगम और यातायात पुलिस के कंट्रोल रूम से इन कैमरे के जरिए पूरे शहर पर निगरानी रखी जाती है। कैमरे की मदद से अपराध करके भागने वालों की पहचान की जाती है। यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान किया जाता है।
