अब उत्तराखंड के स्कूलों में कक्षा एक में न्यूनतम आयु का उल्लंघन करने पर मान्यता होगी रद्द, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

उत्तराखंड सरकार ने कक्षा एक में प्रवेश के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु के उल्लंघन करने पर कड़ा रुख अपनाया है। शिक्षा का अधिकार नियम 2009…

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उत्तराखंड सरकार ने कक्षा एक में प्रवेश के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु के उल्लंघन करने पर कड़ा रुख अपनाया है। शिक्षा का अधिकार नियम 2009 एवं उत्तराखंड फ्री और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली, 2011 के अंतर्गत जारी अधिसूचना के अनुसार कक्षा एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित की गई है।


यह आयु शैक्षिक सत्र 1 जुलाई से पूर्व होनी चाहिए। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्री स्कूल की विभिन्न कक्षाओं (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) के लिए भी आयु सीमा तय है। नर्सरी में प्रवेश के लिए तीन वर्ष, एलकेजी के लिए चार वर्ष और यूकेजी के लिए पांच वर्ष पूर्ण होना आवश्यक है।


बताया जा रहा है कि कुछ विद्यालय इन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और पहले बच्चों को कक्षा एक में ही दाखिल कर रहे हैं। इससे न केवल बच्चों की पढ़ाई पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है बल्कि उनके मानसिक विकास पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

सचिव शिक्षा रविनाथ रामन ने आदेश जारी किया है कि सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिया जाता है की आयु मनको का सख्ती से अनुपालन कराया जाए जो विद्यालय इन नियमों को नहीं मानेगा। उसकी मान्यता रद्द हो जाएगी और इस संबंध में प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है।


शासन का कहना है कि बच्चों को आयु अनुकूल कक्षा में ही प्रवेश दिलाना अनिवार्य है। आदेश का उल्लंघन करने वाले विद्यालयों पर अब कठोर कार्रवाई की जाएगी।