उत्तराखंड में बोर्ड परीक्षा का पैटर्न अब बदलने जा रहा है। अब इसमें रट्टा मार जवाब की जगह दक्षता परखी जाएगी। इंटर, हाई स्कूल के प्रश्न पत्रों को काफी आसान भी बनाया जाएगा।
बताया जा रहा है कि उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद 10वीं और 12वीं के प्रश्न पत्रों का पैटर्न अब बदलने जा रहा है। आगामी बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को रट्टा मार सवालों से नहीं जूझना पड़ेगा बल्कि परीक्षार्थी की समझ तर्कशक्ति और समस्या समाधान क्षमता को परखा जाएगा।
उत्तराखंड में बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्रों के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। इसके लिए अगले महीने प्रदेश के सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) और खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को रामनगर बोर्ड कार्यालय में एनसीईआरटी की ओर से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसमें सभी को बताया जाएगा कि नए प्रश्न पत्र किस तरह से तैयार किए जाएंगे और किस प्रकार के सवाल इसमें शामिल होंगे। उत्तराखंड विद्यालई शिक्षा परिषद रामनगर के सचिव विनोद प्रसाद सिमल्टी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्रों के पैटर्न में बदलाव की कवायद शुरू हो चुकी है। संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले महीने प्रस्तावित है।
प्रतियोगी परीक्षाओं में भी मिलेगा फायदा उत्तराखंड बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि इस बदलाव का मकसद छात्रों की विश्लेषणात्मक एवं तार्किक क्षमता को बढ़ाना है। इस पैटर्न से न केवल शिक्षा में सुधार आएगा बल्कि शिक्षा का स्तर भी बढ़ेगा। छात्रों के भविष्य की चुनौतियों और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया जाएगा।
2 लाख से अधिक छात्र हर साल बोर्ड परीक्षा में हिस्सा लेते हैं। परीक्षा के इस पैटर्न से सभी को लाभ मिलेगा। अधिकारियों ने यह भी कहा कि इनमें से 20 फीसदी छात्र अत्यंत होनहार, 20 फीसदी बहुत कमजोर, जबकि 60 फीसदी छात्र मध्यम स्तर का प्रदर्शन करते हैं।
