उत्तराखंड के भूस्खलन ज़ोन में अब नहीं रुकेगा विकास, जियोसिंथेटिक तकनीक से बनेगी मजबूत और सुरक्षित सड़कें

देहरादून से खबर है कि उत्तराखंड सरकार अब अपने तमाम विभागों की कार्यशैली को और मजबूत करने में जुट गई है और इसके लिए खुद…

1200 675 24645145 thumbnail 16x9 cm

देहरादून से खबर है कि उत्तराखंड सरकार अब अपने तमाम विभागों की कार्यशैली को और मजबूत करने में जुट गई है और इसके लिए खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कमान संभाले हुए हैं। मंगलवार को उन्होंने लोक निर्माण विभाग की कुछ बड़ी योजनाओं की समीक्षा की जिसमें खास तौर पर रिस्पना और बिंदाल नदी पर बनने वाली एलिवेटेड सड़क परियोजना का ज़िक्र किया गया। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि इस चार लेन सड़क निर्माण से जुड़े सभी कामों को तेज किया जाए और कोई ढिलाई न हो।

मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि देहरादून रिंग रोड और यूटिलिटी डक्ट पॉलिसी जैसे प्रोजेक्ट्स को भी पूरी रफ्तार दी जाए। सड़कों के निर्माण में नई तकनीकों को अपनाया जाए ताकि लंबे वक्त तक टिकाऊ बनी रहें। जिन पुलों की हालत खराब हो गई है वहां जल्दी मरम्मत और जरूरत पड़ी तो फिर से निर्माण कराया जाए। पहाड़ी इलाकों में जहां भूस्खलन की दिक्कत रहती है वहां मजबूत दीवारों के ज़रिए सड़कों को टिकाऊ बनाने पर जोर दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने साफ कहा कि गड्ढों वाली सड़कों को दुरुस्त करने का अभियान बिना रुके चलता रहे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ये भी कहा कि सड़क कनेक्टिविटी में किसी तरह की कमी नहीं रहनी चाहिए। खासकर केदारखंड और मानसखंड को जोड़ने वाले रास्तों को दुरुस्त करने में तेजी लाई जाए। देहरादून से हल्द्वानी और दिल्ली से हल्द्वानी जैसे बड़े शहरों की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए योजना तैयार की जाए। मसूरी और देहरादून के बीच ट्रैफिक को लेकर जो दबाव है उसको कम करने के लिए दूसरे रास्तों पर तुरंत काम शुरू किया जाए। इसके साथ ही सड़कों की डामरिंग का काम भी बिना देरी के किया जाए।

बैठक के दौरान लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडे ने जानकारी दी कि रिस्पना पर बनने वाली ग्यारह किलोमीटर और बिंदाल पर बनने वाली पंद्रह किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क के पहले फेज की सारी स्टडी हो चुकी है और अब जमीन चिन्हित करने का काम चल रहा है। देहरादून रिंग रोड का पूरा रूट तय हो चुका है और उसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी बन गई है। रेलवे के साथ मिलकर जो डायवर्जन प्लान तैयार किया जाना था वो भी हो गया है। देहरादून और मसूरी को जोड़ने वाली सड़क परियोजना पर भी पूरी स्टडी हो चुकी है और अब जमीन की मजबूती को लेकर जरूरी जांच भी कर ली गई है।