अल्मोड़ा,28 अक्टूबर 2025
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में अब विकास कार्यों की प्लानिंग एक नए और आधुनिक तरीके से की जाएगी। जिले के सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को दो दिन की खास ट्रेनिंग दी गई है, जिसमें उन्हें जीआईएस (Geographic Information System) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सिखाया गया है। इसका सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की बेहतर प्लानिंग पर पड़ेगा।
CDO की अध्यक्षता में हुआ दो दिवसीय महा-प्रशिक्षण
जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी रेनू ने इस महत्वपूर्ण कार्यशाला की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह दो दिवसीय ब्लॉक स्तरीय GIS कार्यशाला विकास भवन सभागार में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (CDO) रामजी शरण शर्मा ने की।इस कार्यशाला में खंड विकास अधिकारियों और ब्लॉक स्तरीय कर्मचारियों को आधुनिक तकनीक से लैस किया गया।
विकास कार्यों में कैसे काम आएगी यह तकनीक?
GIS टेक्नोलॉजी का मतलब है ‘जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम’। यह एक ऐसा टूल है जिसकी मदद से अधिकारी नक्शे पर ही देख सकते हैं कि कौन सा संसाधन (जैसे पानी का स्रोत, सड़क की जरूरत, या स्कूल) कहाँ पर मौजूद है।
कार्यशाला में विशेषज्ञ प्रो० जे०एस० रावत ने अधिकारियों को इस टेक्नोलॉजी का तकनीकी ज्ञान दिया। उन्होंने इस बात पर विस्तार से प्रकाश डाला कि GIS तकनीक को ज़मीनी स्तर पर विकास कार्यों में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्रो. रावत ने समझाया कि अब अधिकारी अंदाजे से नहीं, बल्कि सटीक डेटा के आधार पर तय कर पाएंगे कि किसी गाँव में सड़क या पेयजल लाइन कहाँ से गुजरेगी, जिससे संसाधनों की बर्बादी रुकेगी और काम तेज़ी से होगा।
GIS विशेषज्ञों ने दिया गहन प्रशिक्षण
दो दिनों तक चली इस ट्रेनिंग में जीआईएस विशेषज्ञ वी०एस० रावत और डॉ० नरेश पंत ने ब्लॉक स्तरीय कार्मिकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। इस प्रशिक्षण के बाद अब अल्मोड़ा जिले के सभी विकासखंडो में योजनाओं को लागू करने का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा।
