नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में UPI यूजर्स के लिए एक नया नियम लागू किया था, जिसका उद्देश्य था कि लोग किसी भी मोबाइल नंबर से पैसा भेजने और पाने के लिए अपनी पसंद का कोई भी UPI ऐप चुन सकें। पहले यह सुविधा सिर्फ उसी ऐप तक सीमित थी, जिसमें यूजर ने पहली बार रजिस्ट्रेशन किया था। इस बदलाव के लिए NPCI ने UPI Mapper नाम का फीचर शुरू किया, जो मोबाइल नंबर को यूजर की UPI ID से जोड़ता है। हालांकि, इस कदम से डिजिटल पेमेंट सिस्टम में काफी दिक्कतें पैदा हो गईं।
क्यों बढ़ी परेशानी
UPI Mapper लागू होने के बाद लेनदेन प्रक्रिया में देरी और पेमेंट फेल होने जैसी समस्याएं सामने आने लगीं। पहले जहां Google Pay जैसे बड़े ऐप्स अपने नेटवर्क के भीतर ट्रांजैक्शन तुरंत पूरा कर देते थे, वहीं अब हर लेनदेन के लिए NPCI सर्वर से कनेक्ट होना जरूरी हो गया। इस वजह से भुगतान में लेटेंसी बढ़ गई और कई बार ट्रांजैक्शन असफल हो गए।
इस स्थिति का फायदा छोटे UPI ऐप्स ने उठाने की कोशिश की। उन्होंने यूजर्स को बार-बार नोटिफिकेशन और मैसेज भेजकर अपने ऐप को मुख्य UPI ऐप बनाने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया। लगातार आने वाले इन संदेशों से यूजर्स भ्रमित और परेशान हो गए।
UPI ऐप्स के बीच प्रतिस्पर्धा
छोटे ऐप्स को उम्मीद थी कि इस नियम से उन्हें बाजार में बराबरी का मौका मिलेगा, लेकिन परिणाम इसके उलट निकला। कई यूजर्स के ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड सही से नहीं दिखे, जिससे उनका भरोसा ही हिल गया। बड़े प्लेटफॉर्म जैसे PhonePe, Google Pay और Paytm को भी तकनीकी गड़बड़ियों का सामना करना पड़ा।
NPCI का नया फैसला
लगातार बढ़ती शिकायतों को देखते हुए NPCI ने अब एक नया सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार, कोई भी UPI ऐप अब यूजर्स को नोटिफिकेशन या मैसेज भेजकर मुख्य ऐप बदलने के लिए प्रेरित नहीं कर सकेगा। यह विकल्प अब सिर्फ यूजर की प्रोफाइल सेटिंग में उपलब्ध रहेगा।
बैंकों और डिजिटल पेमेंट एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे तकनीकी देरी में कुछ राहत तो मिलेगी, लेकिन इंटरऑपरेबिलिटी यानी ऐप्स के बीच सहजता से काम करने का जो असली उद्देश्य था, वह अभी भी अधूरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि NPCI का इरादा अच्छा था—छोटे ऐप्स को बढ़ावा देने का—but इसकी वजह से सिस्टम में अस्थिरता और यूजर्स की परेशानी बढ़ गई।
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में कोई भी नया नियम लागू करने से पहले उसके हर पहलू को अच्छी तरह परखना जरूरी है, वरना अच्छे इरादे भी कभी-कभी भ्रम और असंतोष में बदल जाते हैं।
