हिमाचल में दिखा मानसून का रौद्र रूप, अब तक हुई 257 लोगों की मौत, सैकड़ों सड़कें-बिजली बाधित

हिमाचल प्रदेश में लगातार मानसून की भारी तबाही जारी है, जहां बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान हुआ है। वही मृतकों की संख्या में भी लगातार…

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हिमाचल प्रदेश में लगातार मानसून की भारी तबाही जारी है, जहां बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान हुआ है। वही मृतकों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि राज्य भर में 374 सड़के, 526 बिजली ट्रांसफार्मर और 145 जल पूर्ति योजनाएं बाधित हो गई हैं।


बताया जा रहा है कि प्राधिकरण ने राष्ट्रीय राजमार्ग NH-305 और NH-05, अवरुद्ध मार्गों में शामिल हैं, जहाँ भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण, विशेष रूप से मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिलों में, संपर्क बाधित हो रहा है।


पूरा निर्माण किया जा रहा है लेकिन अधिकारियों ने बताया कि बारिश और भूस्खलन की वजह से यह प्रगति धीमी हो रही है। इस मानसून में 20 जून से अब तक कुल 257 लोगों की मौत भी हो चुकी है। एचपीएसडीएमए ने कहा कि इनमें से 133 लोगों की जान भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और मकान ढहने जैसी वर्षाजनित घटनाओं में गई है, जबकि 124 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है।


मंडी जिले में सबसे अधिक व्यवधान की सूचना मिली, जहाँ 203 सड़कें अवरुद्ध हैं और 458 ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं, इसके बाद कुल्लू है, जहाँ 79 सड़कें बंद हैं, जिसमें एक बड़े भूस्खलन के कारण झेड़ (खनाग) में NH-305 भी शामिल है। चंबा (24), कांगड़ा (41), और मंडी (44) में जलापूर्ति योजनाएँ भी बुरी तरह प्रभावित हुईं।


किन्नौर में भी भारी बारिश की वजह से नेशनल हाईवे सहित कई सड़के बंद हो गई है जबकि कल्लू और लाहौल स्पीति में अचानक बाढ़ और एचटी लाइन की खराबी की वजह से काफी व्यवधान आ रहा है।

अधिकारियों ने सतर्क किया कि आने वाले दिनों में रुक-रुक कर होने वाली बारिश से स्थिति और खराब हो सकती है संवेदनशील हिस्सों में यात्रा करने से मना किया जा रहा है।


इस बीच, हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) ने शुक्रवार को कहा कि 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में 133 और सड़क दुर्घटनाओं में 124 मौतें दर्ज की गई हैं।


एचपीएसडीएमए ने कहा कि भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटने, मकान ढहने, डूबने और बिजली के झटके जैसी बारिश से उत्पन्न आपदाओं से जान-माल का व्यापक नुकसान हुआ है। मंडी ज़िले में बारिश से संबंधित सबसे ज़्यादा 26 मौतें हुईं, उसके बाद कांगड़ा (28), चंबा (10) और कुल्लू (11) का स्थान रहा। बिलासपुर, किन्नौर, शिमला, सिरमौर, सोलन, लाहौल-स्पीति, हमीरपुर और ऊना में भी मौतें हुईं।