नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन से प्रेरित‌ होकर अपने गांव लौटे मोहन कांडपाल, अब मिला राष्ट्रीय‌ जल पुरस्कार, उपपा ने जताई खुशी

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने शिक्षक मोहन कांडपाल को जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए जाने के लिए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित…

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उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने शिक्षक मोहन कांडपाल को जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए जाने के लिए 6वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की है।


उपपा अध्यक्ष पी.सी. तिवारी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि बसभीड़ा (चौखुटिया) से 2 फरवरी 1984 को प्रारंभ हुए “नशा नहीं, रोजगार दो” जैसे प्रखर जनआंदोलन से प्रेरित होकर कानपुर से अपने गांव कांडे लौटे शिक्षक मोहन कांडपाल जी को यह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त होना अत्यंत हर्ष का विषय है।


उपपा ने कहा कि 1984 में कानपुर में अध्ययन के दौरान इस आंदोलन से प्रभावित होकर मोहन कांडपाल गांव लौटे और आंदोलन में सक्रिय रूप से जुड़ गए। इसके बाद उन्होंने सुरईखेत इंटर कॉलेज में शिक्षक के रूप में कार्य प्रारंभ किया।

उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, नशा मुक्ति, महिला संगठन और ग्रामीण विकास जैसे अनेक क्षेत्रों में जनचेतना और जनसहभागिता के अनुकरणीय कार्य किए।

उनके नेतृत्व और दूरदृष्टि से क्षेत्र के दर्जनों गांवों में सामाजिक परिवर्तन की लहर चली, जिसने हजारों सहयोगियों के सामूहिक प्रयासों और निरंतर संघर्ष को एक दिशा दी। यह सम्मान उनकी विचार शीलता, कर्मनिष्ठा और समाज को जोड़ने की प्रेरक यात्रा का परिणाम है।

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने कहा कि मोहन भाईऔर उनके परिवार को इस सम्मान के लिए हार्दिक शुभकामनाएं। पार्टी ने उम्मीद जताई कि उनकी यह रचनात्मक और प्रेरणादायी यात्रा इसी तरह समाज को दिशा देती रहेगी।