अमेरिका के कई प्रमुख शहरों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। ‘नो किंग्स’ यानी ‘हमें राजा नहीं चाहिए’ के नाम से चल रहे इन प्रदर्शनों में हजारों लोग ट्रंप की कठोर नीतियों और उनके नेतृत्व के तरीके का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप लगातार मीडिया, राजनीतिक विरोधियों और अप्रवासियों पर हमले कर रहे हैं।
ट्रंप ने इन प्रदर्शनों पर अपनी प्रतिक्रिया कुछ विरोधाभासी अंदाज़ में दी। एक तरफ़ उन्होंने कहा, “मैं कोई राजा नहीं हूँ”, लेकिन सोशल मीडिया पर उन्होंने AI तकनीक से तैयार कई वीडियो पोस्ट किए, जिनमें वह खुद को राजा की शाही पोशाक में दिखा रहे हैं।
एक वीडियो में, जिसमें ट्रंप ताज पहने हुए एक लड़ाकू विमान उड़ाते दिख रहे हैं, वह विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोबर जैसी कोई चीज़ गिरा रहे हैं। वहीं, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस द्वारा शेयर किए गए एक और AI वीडियो में ट्रंप शाही पोशाक में नैंसी पेलोसी और अन्य डेमोक्रेट नेताओं के सामने खड़े हैं, जबकि वे उनके सामने घुटने टेकते दिख रहे हैं।
देशभर में ये प्रदर्शन 2,500 से अधिक स्थानों पर हुए। वॉशिंगटन, बोस्टन, अटलांटा, शिकागो और लॉस एंजिल्स जैसे बड़े शहरों में लोग मार्च निकालते हुए “विरोध करना ही असली देशभक्ति है” और “फासीवाद के खिलाफ़ खड़े हो” जैसे नारे लगा रहे थे।
सैन फ्रांसिस्को में सैकड़ों लोगों ने समुद्र तट पर अपने शरीर से “No King!” लिखकर विरोध जताया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे अमेरिका अब वे देश नहीं रहा जिसे वे जानते थे। वहीं, एक पूर्व CIA अधिकारी ने कहा कि उन्होंने विदेशों में कट्टरपंथ के खिलाफ़ लड़ाई लड़ी, लेकिन अब अमेरिका में ही कट्टरता हमें गृहयुद्ध की ओर धकेलती दिख रही है।
ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने के बाद यह तीसरा बड़ा देशव्यापी प्रदर्शन है। इससे पहले इसी साल जून में भी देश के 2,100 से अधिक स्थानों पर ‘नो किंग्स’ प्रदर्शन आयोजित किए गए थे।
