उत्तरकाशी जिले में मंगलवार शाम 7 बजकर 30 मिनट पर हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए। झटके महसूस होने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई। राहत की बात यह है कि अभी तक किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। भूकंप के झटके उत्तरकाशी के अलावा हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप का केंद्र मोरी ब्लॉक में जमीन से करीब 5 किलोमीटर की गहराई में रहा। उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने बताया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। आपदा प्रबंधन अधिकारी जिलाधिकारी शार्दुल गुसाईं ने कहा कि मोरी क्षेत्र में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, किसी नुकसान की सूचना नहीं है और आपदा विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तरकाशी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में आता है। यहां पहले भी 20 अक्टूबर 1991 को सुबह आए भूकंप ने भारी नुकसान किया था। उस समय रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई थी और कई गांव जैसे जामक, गणेशपुर, गिनडा और मनेरी में जानमाल का नुकसान हुआ था।
भूकंप का कारण उत्तराखंड का हिमालयी क्षेत्र में होना है। राज्य का अधिकतर हिस्सा भूकंप संवेदनशील जोन 4 और 5 में आता है। जोन 5 में रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी आते हैं जबकि जोन 4 में नैनीताल, उधम सिंह नगर, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी और अल्मोड़ा आते हैं। देहरादून और टिहरी जिले दोनों जोन में आते हैं।
