मेडिकल प्रभारी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, 20 हजार की मांग ने पहुंचाया सलाखों तक

देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी दफ्तरों में बढ़ती रिश्वतखोरी एक बड़ी चिंता बनती जा रही है। लगातार सामने आ रहे मामलों के बीच विजिलेंस टीम की…

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देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी दफ्तरों में बढ़ती रिश्वतखोरी एक बड़ी चिंता बनती जा रही है। लगातार सामने आ रहे मामलों के बीच विजिलेंस टीम की कार्रवाई भी तेज हो गई है। ताज़ा मामला पौड़ी गढ़वाल जिले का है, जहां नैनीडांडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल प्रभारी आशुतोष त्रिपाठी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। आरोप है कि उन्होंने अदालीखाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एक नर्सिंग अधिकारी से उसकी तैनाती वहीं बनाए रखने के बदले 20 हजार रुपये की मांग की थी।

नर्सिंग अधिकारी ने इस बात की शिकायत विजिलेंस सेक्टर हल्द्वानी में दर्ज कराई थी। शिकायत की पुष्टि के बाद टीम ने योजना बनाकर जाल बिछाया और आशुतोष त्रिपाठी को 20 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल टीम आरोपी के घर पर छापेमारी कर चल-अचल संपत्तियों की जांच कर रही है और पूछताछ भी जारी है।

विजिलेंस विभाग ने आम जनता से अपील की है कि अगर कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्वत मांगता है या फिर अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करता है, तो उसकी शिकायत तुरंत की जाए। इसके लिए टोल फ्री नंबर 1064 और व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क किया जा सकता है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले चंपावत में भी विजिलेंस की टीम ने दो वनकर्मियों को घूस लेते हुए पकड़ा था। दोनों को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद डीएफओ ने उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया था। ऐसे मामलों से साफ है कि विजिलेंस की सख्ती बढ़ी है, लेकिन राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें अभी भी गहरी हैं।