जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में अचानक बादल फटने की वजह से भारी तबाही मची है। लोग और तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। प्रशासन ने तुरंत कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क बनाए हैं ताकि फंसे लोगों की मदद की जा सके। इस आपदा में 33 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 120 घायल हैं और लगभग 200 लापता बताए जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से फोन पर बात की है और केंद्र की पूरी ताकत के साथ जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़ा होने का भरोसा दिया है।
मौके पर अब तक 33 लोग मारे गए हैं जबकि 220 लोग लापता हैं। दो सीआईएसएफ जवान भी इस हादसे में शहीद हुए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कंट्रोल रूम पद्दार के चशोती गांव में बनाया गया है जो हादसे के केंद्र से करीब 15 किलोमीटर दूर है। इसमें पांच अधिकारी तैनात हैं। लोग 9858223125, 6006701934, 9797504078, 8492886895, 8493801381 और 7006463710 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। जिला नियंत्रण कक्ष के नंबर 01995259555, 9484217492 और पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर 9906154100 है। प्रशासन ने सभी को हर तरह की मदद देने का वादा किया है। अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और राहत सामग्री पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि किश्तवाड़ की घटना पर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की है। एनडीआरएफ की टीमें राहत बचाव के लिए मौके पर पहुंच चुकी हैं। हम हर हाल में जम्मू-कश्मीर के साथ हैं। जरूरतमंदों को मदद देंगे। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अमित शाह को हालात की जानकारी दी है और बताया कि स्थिति गंभीर है। बचाव कार्य के लिए सभी संसाधन जुटाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया है। कहा है जब भी संभव होगा जानकारी दी जाएगी। किश्तवाड़ के चशोती इलाके में बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। स्थानीय विधायक सुनील शर्मा ने बताया कि यह जगह श्री मचैल यात्रा के लिए वाहन खड़े करने और दुकाने लगाने वाली जगह है।
श्री मचैल यात्रा को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। पुलिस प्रशासन एसडीआरएफ, एनडीआरएफ समेत कई एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। एनडीआरएफ ने 180 सदस्यों वाली दो टीम उधमपुर बेस से रवाना की है जो पूरी तरह तैयार हैं।
