हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: SSJ विवि अल्मोड़ा को डॉ. प्रियंका को ज्वाइनिंग देने का आदेश, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक रहेगी जारी

अल्मोड़ा, उत्तराखंड: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय (SSJ University) अल्मोड़ा में विधि विभाग से जुड़े एक गंभीर मामले में आज यानि 11 दिसंबर 2025 को उच्च…

Clash in Uttarakhand over High Court shifting, lawyers protest

अल्मोड़ा, उत्तराखंड: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय (SSJ University) अल्मोड़ा में विधि विभाग से जुड़े एक गंभीर मामले में आज यानि 11 दिसंबर 2025 को उच्च न्यायालय नैनीताल ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायाधीश सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने विश्वविद्यालय को डॉ. प्रियंका को तत्काल ज्वाइनिंग देने का निर्देश दिया है।


हालांकि, खंडपीठ ने विधि विभाग समेत विभिन्न विभागों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर लगाई गई रोक को बरकरार रखा है।इस पूरे विवाद की जड़ सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के एसएसजे कैंपस के विधि विभाग में सामने आया था। मई माह में एक दलित छात्रा के शारीरिक और मानसिक शोषण का मामला आया था। डॉ. प्रियंका इस मामले में प्रत्यक्षदर्शी गवाह थीं।


कुलपति द्वारा गठित दो समितियों ने मामले की जांच की थी और समिति ने जांच के बाद विधि विभागाध्यक्ष, एक अतिथि शिक्षक, एवं एक रिसर्च स्कॉलर पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की संस्तुति की थी।


लेकिन इन संस्तुतियों के विपरीत, विश्वविद्यालय द्वारा डॉ. प्रियंका का सेवा विस्तार रोक दिया गया। जबकि डॉ प्रियंका छात्रा के शोषण मामले में अहम गवाह थीं,इस कार्रवाई के विरोध में डॉ. प्रियंका ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।


नई नियुक्तियों पर लगी थी रोक
विश्वविद्यालय ने विधि विभाग समेत अन्य विभागों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 26 नवंबर 2025 को विज्ञप्ति जारी की थी। डॉ. प्रियंका ने इस नई नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी।
4 दिसंबर को हुई सुनवाई मे नैनीताल उच्च न्यायालय ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षकों के साक्षात्कार एवं नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी,हालांकि विवि प्रशासन आदेश जाने तक इंटरव्यू आयोजित कर चुका था।


आज, 11 दिसंबर को मामले में सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने विश्वविद्यालय को डॉ. प्रियंका को ज्वाइनिंग देने का आदेश दिया है, जबकि अन्य अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक जारी रहेगी। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायाधीश सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में चल रही है।

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