रुद्रप्रयाग जिले के जखोली विकासखंड में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे ग्रामीणों का जीवन भय और असुरक्षा के साये में बीत रहा है। खासकर स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। गुरुवार 17 जुलाई की सुबह एक ऐसी ही सनसनीखेज घटना सामने आई, जब स्कूल जा रही दसवीं की छात्रा पर गुलदार ने हमला कर दिया। लेकिन छात्रा ने जिस बहादुरी से अपनी जान बचाई, वो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।
यह मामला जखोली क्षेत्र के किरोड़ा गांव का है। सुबह करीब 8 बजे राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किरोड़ा के पास जैसे ही दसवीं की छात्रा अंबिका, जो जगदीश लाल की पुत्री हैं, स्कूल पहुंचने ही वाली थी कि घात लगाए बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया। लेकिन अंबिका ने डरने के बजाय साहस दिखाया और छाते से गुलदार पर वार करने लगी। इस बीच उसने अपना बैग छोड़कर किसी तरह जान बचाई और दौड़कर स्कूल पहुंची।
कांपती और हांफती हुई छात्रा जब स्कूल पहुंची तो वहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक नरेश भट्ट और शिक्षक पीएस राणा ने उसे देखा और पूरी घटना पूछी। जब छात्रा ने बताया कि वह गुलदार से बचकर आई है, तो स्कूल स्टाफ सकते में आ गया। उन्होंने तुरंत वन विभाग को सूचना दी और मांग की कि गुलदार को जल्द पकड़ा जाए।
अंबिका की बहादुरी की चर्चा पूरे गांव में हो रही है। प्रधानाध्यापक नरेश भट्ट ने बताया कि छात्रा पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी अव्वल है और गोला फेंक प्रतियोगिता में ब्लॉक स्तर पर नाम कमा चुकी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इतनी बहादुरी दिखाने वाली छात्रा को सम्मानित किया जाए।
गौर करने वाली बात यह है कि अंबिका के बैग पर गुलदार के नाखूनों के गहरे निशान मिले हैं, जो इस हमले की पुष्टि करते हैं। इस घटना के बाद से अभिभावकों और बच्चों में डर गहराता जा रहा है। लोग अब बच्चों को अकेले स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। वहीं, ग्रामीणों में वन विभाग की निष्क्रियता को लेकर खासा आक्रोश है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गुलदार बीते कई हफ्तों से गांव में खुलेआम घूम रहा है और बच्चों को निशाना बना रहा है, बावजूद इसके प्रशासन और वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द गुलदार को पकड़ा नहीं गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।