प्रदेश में अब जमीन की खरीद बिक्री का तरीका पूरी तरह बदलने जा रहा है। सरकार ने फैसला किया है कि एक अप्रैल 2026 से वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की नई व्यवस्था शुरू की जाएगी। इस सिस्टम में लोग बिना किसी कागज के और बिना रजिस्ट्रार ऑफिस में जाए ही अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री कर सकेंगे। इसे पूरी तरह पेपरलेस और ऑनलाइन बनाया जा रहा है ताकि प्रक्रिया आसान और पारदर्शी हो सके।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बताया कि इस योजना से जमीन की खरीद फरोख्त में पारदर्शिता बढ़ेगी। साथ ही इससे जुड़े झगड़ों में भी कमी आएगी। मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस प्रोजेक्ट को लेकर बैठक हुई। इसमें जमीन की रजिस्ट्री को वर्चुअल बनाने की तैयारियों की समीक्षा की गई।
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्चुअल रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लीकेशन तैयार हो चुकी है। मुख्य सचिव के सुझावों के बाद इसमें कुछ बदलाव किए जाएंगे। इसके बाद इस प्रोजेक्ट से जुड़ी जरूरी तकनीकी और ढांचागत व्यवस्थाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
नई व्यवस्था में तीन तरीके से रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा। पहला तरीका पुराना रहेगा जिसमें लोगों को रजिस्ट्रार दफ्तर जाकर रजिस्ट्री करनी होगी। दूसरा तरीका होगा जिसमें दफ्तर पहुंचकर बिना किसी कागज के यानी पेपरलेस रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा। तीसरा तरीका सबसे आसान होगा जिसमें लोग घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से ही जमीन की रजिस्ट्री पूरी कर पाएंगे।
बैठक में सचिव दिलीप जावलकर अपर सचिव सोनिका और आलोक कुमार पांडेय सहायक महानिरीक्षक अतुल शर्मा और उपसचिव सुनील सिंह भी मौजूद रहे।
