उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम के कपाट शीतकालीन के लिए बंद हो गए हैं। मुख्य मंदिर पर ताला लगाने के बाद श्रद्धालुओं में भावुकता का माहौल देखा गया। बाबा केदारनाथ की डोली इस बार 55 किलोमीटर की यात्रा करके उखीमठ जाएगी। जहां अगले 6 महीने तक वह शीतकालीन गद्दी ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान रहेंगे। इस पवित्र अवसर पर साक्षी बनने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी केदारनाथ मंदिर आए।
आर्मी बैंड के द्वारा पारंपरिक धुन बजाई गई जिसने इस शुभ क्षण की गरिमा और बढ़ा दी। इस साल 2 मई को केदारनाथ के कपाट खुले थे। करीब 17 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने इस बार बाबा केदारनाथ के दर्शन किए। यह 2013 की आपदा के बाद सबसे बड़ी संख्या में भक्तों की संख्या है। श्रद्धालुओं के लिए यह अवसर आध्यात्मिक अनुभव का प्रतीक रहा।
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही शीतकालीन पूजा का दौर शुरू हो गया है। अब मुखवा स्थित शीतकालीन गद्दीस्थल पर पूजा का संचालन किया जाएगा। यमुनोत्री के देवता की पूजा खरसाली में होगी, जबकि केदारनाथ के दर्शन उखीमठ में संभव होंगे।
बाबा की डोली 25 अक्टूबर को केदारनाथ से उखीमठ की 55 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करेगी। शीतकालीन दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस और मंदिर समितियां ने विशेष व्यवस्था भी की थी।
इसके तहत काउंटर भी बनाए गए थे ताकि भक्तों को आराम और सुरक्षित यात्रा कराई जा सके। केदारनाथ धाम में इस साल इतनी बड़ी संख्या में भक्तों की उपस्थिति 2013 की आपदा के बाद देखी जा रही है।
