उत्तराखंड राज्य को बनने को पच्चीस साल हो गए लेकिन पहाड़ के कई गांव आज भी विकास से दूर हैं। नैनीताल जिले के भीमताल क्षेत्र के मलुवाताल का कसैला तोक गांव इसका साफ उदाहरण है। यहां 66 साल की बीमार महिला गंगा देवी को ग्रामीणों ने डोली में बैठाकर उफनती गौला नदी और खुरदरे पहाड़ी रास्तों से अस्पताल तक पहुँचाया।
ग्रामीणों ने पहले महिला को डोली में घर से नदी तक पहुँचाया। फिर अपनी जान जोखिम में डालकर तेज बहती नदी पार की। उसके बाद कई किलोमीटर पैदल चलते हुए मुख्य सड़क तक पहुंचे। वहां से महिला को हल्द्वानी अस्पताल ले जाया गया और उनका इलाज चल रहा है। बरसात के मौसम में इस नदी को पार करना किसी भी आम आदमी के लिए मुश्किल और जानलेवा चुनौती है।
गांव वाले बताते हैं कि बारिश में नदी में पानी ज्यादा होने की वजह से बीमार महिलाएं, बुजुर्ग और प्रसव पीड़ित महिलाओं को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। कई बार उनकी मौत तक हो जाती है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है और उन्हें मजबूरन शहर जाकर पढ़ना पड़ता है।
स्थानीय लोग और पूर्व प्रधान कहते हैं कि हर बार किसी मरीज को डोली में लादकर ही मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है। उन्होंने सरकार और प्रशासन से गांव तक सड़क और पुल बनाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर हालत नहीं सुधरी तो गांव से लोग पलायन कर देंगे और यही उनका भविष्य बनेगा।
