जस्टिस विक्रम नाथ बोले : आवारा कुत्तों के केस ने मुझे दिलाई दुनिया भर में पहचान

सुप्रीम कोर्ट के जज विक्रम नाथ ने कहा है कि आवारा कुत्तों वाला केस उनकी जिंदगी का ऐसा मुकाम साबित हुआ जिसने उन्हें देश ही…

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सुप्रीम कोर्ट के जज विक्रम नाथ ने कहा है कि आवारा कुत्तों वाला केस उनकी जिंदगी का ऐसा मुकाम साबित हुआ जिसने उन्हें देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में पहचान दिलाई है। उन्होंने तिरुवनंतपुरम में एक कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि अब तक लोग उन्हें सिर्फ कानून के क्षेत्र में किए गए काम की वजह से जानते थे लेकिन जब से यह केस उनकी बेंच को सौंपा गया है तब से हर जगह उनका नाम लिया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ का शुक्रिया भी अदा किया जिन्होंने यह केस उन्हें सौंपा था।

उन्होंने कहा कि लंबे समय से वह न्याय व्यवस्था में कार्य कर रहे हैं लेकिन इस मामले के बाद उन्हें एक नई पहचान मिली है। उन्होंने हंसते हुए कहा कि कुत्तों को चाहने वालों के साथ ही अब उन्हें कई कुत्तों से भी मैसेज मिल रहे हैं जिनमें उनका आभार जताया जा रहा है।

गौरतलब है कि ग्यारह अगस्त को जस्टिस विक्रम नाथ की अगुवाई वाली दो जजों की बेंच ने आदेश दिया था कि दिल्ली एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाया जाए। हालांकि इसके खिलाफ विरोध तेज हुआ तो बाईस अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच ने इसमें ढील देते हुए कहा कि कुत्तों को वैक्सीन देकर दोबारा उसी इलाके में छोड़ा जाए। जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन वी अंजारिया भी इस फैसले वाली बेंच का हिस्सा थे। हालांकि यह छूट बीज से संक्रमित कुत्तों पर लागू नहीं होगी।

जस्टिस विक्रम नाथ फिलहाल 2027 में मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं और उन्होंने साफ कहा कि इस केस ने उन्हें ऐसी प्रसिद्धि दिलाई जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।