गुजरात। इन दिनों एक बार फिर से
बैंक खातों में न्यूनतम धनराशि की सीमा की चर्चा शुरू हो गई है। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि बैंकों के बचत खातों पर न्यूनतम बैलेंस की रकम तय करना बैंकों का अधिकार है। यह नियामक के दायरे में नहीं है।
बताते चलें कि देश के प्रतिष्ठित बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने हाल में नए बचत खातों पर न्यूनतम जमा को पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया था। वहीं एचडीएफसी बैंक ने भी बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने की सीमा बढ़ा दी है। अब 1 अगस्त, 2025 के बाद खाता खुलवाने वाले सभी ग्राहकों को मासिक न्यूनतम बैलेंस 25,000 रुपये बनाए रखना होगा।
दरअसल, सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखने के नियम को लेकर बहस काफ़ी पुरानी है। सरकारी बैंकों से लेकर निजी बैंकों ने पिछले कुछ सालों में इस नियम से हज़ारों करोड़ रुपये का मुनाफ़ा कमाया है। इस नियम के तहत अगर कोई ग्राहक निर्धारित न्यूनतम धनराशि खाते में रखने में विफल रहता है तो उसे पेनल्टी चुकानी होती है।
