उत्तरकाशी जिले के धराली में आई तबाही ने पूरे देश और दुनिया का ध्यान खींच लिया है। यहां महज आधे मिनट से भी कम वक्त में एक पूरा कस्बा तबाह हो गया। लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर इतनी कम देर में कैसे सबकुछ खत्म हो गया। बड़े-बड़े शोध संस्थान और आपदा से जुड़ी एजेंसियां इस घटना पर रिसर्च कर रही हैं।
इसरो ने धराली की दो सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं। इनमें पहली तस्वीर तेरह जून दो हजार चौबीस की है। उस समय खीरगंगा नदी के सामने और आसपास बसा पूरा इलाका साफ नजर आ रहा था। भागीरथी के किनारे बसे घर बाजार होटल और पेड़ पौधे दिख रहे थे। पहाड़ी कस्बे की पूरी बसावट तस्वीर में साफ झलक रही थी।
दूसरी तस्वीर सात अगस्त दो हजार पच्चीस की है। यह घटना के दो दिन बाद ली गई है। इसमें खीरगंगा नदी के किनारे बसा पूरा इलाका गायब है। जहां पहले घर और दुकानें थीं वहां अब सिर्फ मलबा और खाली मैदान नजर आ रहा है। नदी के तेज बहाव ने अपने साथ इतना मलबा बहाकर लाया कि भागीरथी का प्रवाह भी बदल गया।
तस्वीरों को देखने से साफ होता है कि खीरगंगा ने अपनी दिशा बदलकर सामने के पूरे इलाके को खत्म कर दिया। भागीरथी का बहाव भी अब पहले जैसा चौड़ा नहीं रहा। आधे से ज्यादा हिस्सा मलबे से भर गया है और नदी अब संकरी धार में बह रही है। इस आपदा ने न सिर्फ धराली की तस्वीर बदल दी बल्कि भागीरथी जैसी बड़ी नदी का रास्ता भी बिगाड़ दिया है।
