भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी आज अपने सबसे भारी रॉकेट LVM3 के जरिए एक बड़ा सैटेलाइट लॉन्च किया। पहले सॉकेट को सुबह 8:54 पर उड़ान भरनी थी लेकिन बाद में इसका समय बदल दिया गया और इसे 8:55: 30 सेकंड पर लॉन्च किया गया।
इसरो ने यह 90 सेकंड की देरी इसलिए की ताकि अंतरिक्ष में तैर रहे मलबे या कचरे को पहले से मौजूद अन्य सेटेलाइट से रॉकेट की टक्कर ना हो। इसरो का कहना है कि रॉकेट जिस रास्ते से ऊपर जाने वाला था वहां कचरा या दूसरे सैटेलाइट आ सकते थे।
आजकल अंतरिक्ष में बहुत ज्यादा भीड़ हो गई है इसलिए ऐसे हादसो से बचने के लिए समय में थोड़ा बदलाव करना पड़ा जो एक समझदारी भरा कदम है। वैज्ञानिकों की भाषा में इसे ‘कंजंक्शन’ (दो चीजों का करीब आना) कहते हैं।
इस मिशन के जरिए अमेरिका का ‘ब्लूवर्ड ब्लॉक-2’ (BlueBird Block-2) सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजा गया। यह अपनी तरह का सबसे बड़ा कमर्शियल सैटेलाइट है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह सीधे आपके स्मार्टफोन पर हाई-स्पीड इंटरनेट (ब्रॉडबैंड) पहुंचाएगा। यानी बिना किसी टावर या केबल के, सीधे अंतरिक्ष से मोबाइल पर इंटरनेट चलेगा।
क्यों कहते हैं इसे ‘बाहुबली’ रॉकेट?
जिस रॉकेट (LVM3) से यह लॉन्चिंग हो रही है, उसे इसकी ताकत की वजह से ‘बाहुबली’ कहा जाता है।
यह वही रॉकेट है जिसने चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था।
इसने पिछले महीने भी एक बड़ा मिशन (M5-CMS-03) पूरा किया था।
यह तीन चरणों वाला रॉकेट है जो भारी से भारी वजन को अंतरिक्ष में ले जाने की क्षमता रखता है।
