शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर साठ करोड़ की ठगी का केस, जांच तेज लुकआउट नोटिस की तैयारी में मुंबई पुलिस

बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा पर कारोबारी से करीब साठ करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। इसी मामले…

IMG 20250905 145256

बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा पर कारोबारी से करीब साठ करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। इसी मामले की जांच करते हुए अब मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू पति पत्नी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की तैयारी में जुटी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दोनों के ट्रैवल लॉग खंगाले जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ तुरंत नोटिस जारी कर दिया जाएगा।

मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि अभी तक शिल्पा और राज कुंद्रा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी नहीं हुआ है लेकिन प्रक्रिया जरूर चल रही है। उनका कहना है कि ऐसा कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि दोनों देश छोड़कर बाहर न जा सकें और जांच में किसी तरह की रुकावट न आए।

इसी बीच जांच अधिकारी पैसों के लेनदेन की पूरी कड़ी जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह पता लगाया जा रहा है कि कारोबारी से लिए गए करोड़ों रुपये किस तरह और कहां खर्च किए गए। मामला जब एनसीएलटी तक पहुंचा तो उस समय ऑडिट करने वाले ऑडिटर को भी पूछताछ के लिए समन भेजा गया है। हालांकि शहर में त्योहार और चल रहे आंदोलनों के कारण पूछताछ की तारीख आगे खिसक गई है।

व्यापारी दीपक कोठारी ने आरोप लगाया है कि शिल्पा और राज ने बिजनेस के नाम पर उनसे साठ करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम ली और उसे निजी खर्चों में उड़ा दिया। शिकायत में कहा गया कि यह रकम 2015 से 2023 के बीच चरणबद्ध तरीके से दी गई थी। शुरुआत में इसे लोन बताकर मांगा गया और बाद में टैक्स बचाने के नाम पर निवेश का रूप दिया गया। शिल्पा शेट्टी ने अप्रैल 2016 में व्यक्तिगत गारंटी भी दी थी लेकिन कुछ ही महीने बाद डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद सामने आया कि कंपनी पर दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया चल रही थी जिसकी जानकारी कारोबारी को नहीं दी गई। पैसे वापस मांगने पर सिर्फ टालमटोल किया गया।

शिकायतकर्ता का कहना है कि यह पूरा खेल सुनियोजित तरीके से रचा गया था। बिजनेस की आड़ में पैसे लिए गए और उन्हें निजी फायदे में लगा दिया गया। इसी आधार पर ईओडब्ल्यू ने आईपीसी की धारा 403, 406 और 34 में एफआईआर दर्ज कर ली है।

शिकायतकर्ता के वकील जैन श्रॉफ का कहना है कि उनके मुवक्किल को साफ तौर पर धोखा दिया गया। पहले लोन लेने की बात हुई फिर निवेश का एग्रीमेंट कराया गया और वादा किया गया कि पांच साल के भीतर बारह फीसदी मुनाफे के साथ रकम लौटा दी जाएगी। गारंटी के नाम पर शिल्पा शेट्टी ने व्यक्तिगत आश्वासन दिया था। लेकिन कुछ महीनों बाद ही कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया गया और शिकायतकर्ता लगातार अपने पैसे मांगते रह गए।

दूसरी ओर शिल्पा शेट्टी के वकील प्रशांत पाटिल ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि जब कोई कंपनी दिवालिया होती है तो मामला एनसीएलटी में जाता है और वहीं से निवेशक अपने पैसों की रिकवरी कर सकते हैं। शिकायतकर्ता ने ऐसा कभी नहीं किया। वकील का यह भी कहना है कि शिकायतकर्ता खुद कंपनी के पार्टनर थे और उनके बेटे को डायरेक्टर बनाया गया था। ऐसे में लाभ और हानि दोनों साझा होने चाहिए। पर्सनल गारंटी से जुड़े दस्तावेज अगर मौजूद हैं तो अदालत में रखे जाएंगे और वहीं इस पर फैसला होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी कंपनी को खड़ा करने के लिए प्रमोशन और ब्रांडिंग पर भारी खर्च करना पड़ता है। इन्हीं खर्चों को शिकायतकर्ता निजी खर्च बताकर मामला बना रहे हैं।