टिहरी झील में अंतरराष्ट्रीय वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ, 22 देशों के 300 से अधिक एथलीट शामिल

टिहरी में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कयाकिंग और कैनोइंग साहसिक जल क्रीड़ा प्रेसिडेंट कप प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ हो गया है। इस प्रतियोगिता का आयोजन टीएचडीसी,…

1200 675 25490953 thumbnail 16x9 hg

टिहरी में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कयाकिंग और कैनोइंग साहसिक जल क्रीड़ा प्रेसिडेंट कप प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ हो गया है। इस प्रतियोगिता का आयोजन टीएचडीसी, भारतीय ओलंपिक संघ और इंडियन कयाकिंग एंड कैनोइंग एसोसिएशन (आईकेसीए) के तत्वाधान में किया जा रहा है। भारत समेत 22 देशों के 300 से अधिक एथलीट इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने टिहरी बांध की झील को साहसिक जल क्रीड़ा के लिए उत्कृष्ट स्थल बताते हुए इसकी प्राकृतिक सुंदरता की प्रशंसा की है। प्रतियोगिता का समापन 30 नवम्बर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे।

शुभारंभ कार्यक्रम टिहरी कोटी कालोनी में संपन्न हुआ, जिसमें टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, पालिकाध्यक्ष मोहन सिंह रावत, एशियन कयाकिंग एवं कैनोइंग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत कुशवाहा, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डॉ. डीके सिंह, टीएचडीसी के सीजीएम एमके सिंह और डॉ. एएन त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। इस अवसर पर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि टिहरी झील अब साहसिक खेलों के लिए एक विशिष्ट स्थल बन चुका है। उन्होंने बताया कि टिहरी में हाल ही में आयोजित टिहरी वाटर स्पोर्ट्स और 38वें नेशनल गेम्स की सफलता के बाद अब अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं भी यहां आयोजित हो रही हैं। भारत सरकार के खेल सचिव और उनकी टीम ने टिहरी और कोटेश्वर झील का निरीक्षण कर इसे कॉमनवेल्थ और अन्य अंतरराष्ट्रीय खेलों के लिए भी चिन्हित किया है।

उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव डॉ. डीके सिंह ने जानकारी दी कि इंडोनेशिया, किर्गिस्तान, फिलीपींस, अर्मेनिया, श्रीलंका, यूक्रेन, हंगरी, यूएई, कजाकिस्तान और ट्यूनेशिया समेत कुल 22 देशों के एथलीट कयाकिंग और कैनोइंग की विभिन्न स्पर्धाओं में हिस्सा ले रहे हैं। श्रीलंका के कयाकिंग खिलाड़ी सिहथ ने भी टिहरी झील की प्राकृतिक सुंदरता और खेल के अनुकूल माहौल की सराहना की और कहा कि उनके देश के चारों तरफ समुद्र होने के बावजूद उन्हें इतना मनोहारी प्राकृतिक दृश्य पहले कभी नहीं देखने को मिला। इस प्रकार टिहरी अब साहसिक जल क्रीड़ा के अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर अपनी एक खास पहचान बनाने की ओर अग्रसर है।