भारत के सोने के भंडार की कीमत पहली बार 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गई है। यह अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। सोने की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी के चलते यह उपलब्धि हासिल हुई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ताजा आंकड़ों में बताया गया है कि देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में भले ही थोड़ी गिरावट आई हो लेकिन सोने के भंडार की कीमत बढ़कर 102.365 अरब डॉलर तक पहुंच गई है। यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर माना जा रहा है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार भारत के कुल विदेशी भंडार में अब सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 14.7 प्रतिशत हो गई है। यह आंकड़ा 1996-97 के बाद सबसे ज्यादा है। पिछले एक दशक में यह हिस्सेदारी 7 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 15 प्रतिशत हो गई है। इस बढ़ोतरी के पीछे मुख्य वजह रिजर्व बैंक द्वारा की गई सोने की खरीद और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेजी बताई जा रही है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक इस साल जनवरी से सितंबर तक रिजर्व बैंक ने सिर्फ 4 बार सोना खरीदा। कुल 4 टन सोना खरीदा गया जबकि पिछले साल इसी समय तक 50 टन सोना खरीदा गया था। इसके बावजूद सोने की कीमतों में तेजी के कारण कुल भंडार का मूल्य बढ़ा है। इस साल सोने के दाम में करीब 65 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कीमतों में उछाल के कारण भारत के भंडार में सोने की हिस्सेदारी और बढ़ गई है। दुनिया के कई देशों के केंद्रीय बैंक भी अब अपने भंडार में विविधता लाने के लिए सोने की खरीद बढ़ा रहे हैं ताकि अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम की जा सके और भू राजनीतिक तनाव या प्रतिबंधों के असर से बचा जा सके।
सोने की कीमतों में तेजी के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं। वैश्विक स्तर पर बढ़ते तनाव, करेंसी में गिरावट और सुरक्षित निवेश की तलाश ने निवेशकों का रुख सोने की ओर कर दिया है। पिछले एक साल में सोने की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है और जानकारों का कहना है कि अगले साल यानी 2026 में सोने के भाव में और तेजी देखने को मिल सकती है। पिछले साल 17 अक्टूबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,250 रुपये में मिल रहा था। 22 कैरेट सोना 71,583 रुपये और 18 कैरेट सोना 58,555 रुपये का था। लेकिन इस साल 17 अक्टूबर 2025 को 24 कैरेट सोने की कीमत बढ़कर 1,32,770 रुपये पहुंच गई। 22 कैरेट की कीमत 1,21,700 रुपये और 18 कैरेट की कीमत 99,580 रुपये तक जा पहुंची।
