भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने तीन मैचों की वनडे सीरीज के दूसरे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 102 रन से हराकर बड़ा इतिहास बना दिया। यह जीत सिर्फ भारत के हौसले के लिए अहम साबित हुई है बल्कि ऑस्ट्रेलियाई टीम की वनडे इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी हार के तौर पर दर्ज हो गई है।
इस यादगार मुकाबले की सबसे बड़ी हीरो रही स्मृति मंधाना। उन्होंने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से सभी को रोमांचित कर दिया। मंधाना ने महज 77 गेंदों में वनडे करियर का बारहवां शतक जड़ दिया। यह भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक रहा। उनकी पारी 91 गेंदों पर 117 रन की रही जिसमें 14 चौके और 4 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। इस शानदार खेल ने भारत की पारी को मजबूती दी और टीम को बड़ा स्कोर खड़ा करने में मदद की।
भारत ने पहले खेलते हुए 49.5 ओवर में सभी विकेट खोकर 292 रन बनाए। मंधाना के अलावा दीप्ति शर्मा ने 40 रन जोड़े। ऋचा घोष ने 29 रन बनाए। प्रतिका रावल ने 25 रन का योगदान दिया और स्नेह राणा ने 24 रन बनाए। अगर किसी बल्लेबाज ने मंधाना का लंबा साथ दिया होता तो स्कोर और बड़ा हो सकता था लेकिन इसके बावजूद यह स्कोर ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम को दबाव में डालने के लिए काफी साबित हुआ।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम भारतीय गेंदबाजों के सामने टिक नहीं सकी। तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने तीन विकेट झटके और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। दीप्ति शर्मा ने दो विकेट अपने नाम किए। जबकि रेनुका सिंह स्नेह राणा अरुणदत्ती रेड्डी और राधा यादव को एक-एक विकेट मिला। पूरे दल ने शानदार अनुशासन दिखाया और ऑस्ट्रेलिया को 42 ओवर में 190 रन पर ढेर कर दिया।
यह हार ऑस्ट्रेलिया की वनडे इतिहास की सबसे बड़ी हार साबित हुई। इससे पहले 1973 में इंग्लैंड से 92 रन 2004 में भारत से 88 रन 2024 में दक्षिण अफ्रीका से 84 रन और 2008 में न्यूजीलैंड से 82 रन से हार मिली थी। पहली बार भारत ने ऑस्ट्रेलिया को इतने बड़े अंतर से शिकस्त दी है। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से एलीस पेरी ने 44 रन और एनाबेल सदरलैंड ने 45 रन बनाए लेकिन बाकी बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों का सामना नहीं कर सके।
यह जीत भारत के लिए महिला विश्व कप से पहले बड़ा संकेत है। पहला वनडे गंवाने के बाद टीम इंडिया ने दूसरे मुकाबले में जबरदस्त वापसी की और सीरीज में बराबरी कर ली। इस जीत से साफ हो गया कि भारत न केवल बड़े स्कोर खड़ा कर सकता है बल्कि उसे सफलतापूर्वक बचा भी सकता है। स्मृति मंधाना की लाजवाब बल्लेबाजी और गेंदबाजों की सटीक रणनीति ने भारतीय टीम को नया आत्मविश्वास दिया है। अब तीसरा और आखिरी वनडे दोनों टीमों के लिए सीरीज जीतने का निर्णायक मुकाबला होगा।
