भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव में अब नरमी के संकेत दिखाई देने लगे हैं। एक बार फिर भारत सरकार ने चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा देने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला लिया है। करीब पांच साल बाद चीन के लोगों को भारत आने की इजाज़त मिलने जा रही है। 24 जुलाई से चीनी पर्यटक वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे।
यह जानकारी बीजिंग में मौजूद भारतीय दूतावास की तरफ से दी गई है। दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर इसकी घोषणा की है। इसमें बताया गया है कि चीन के नागरिक अब भारत घूमने के लिए वीजा ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें पहले ऑनलाइन आवेदन पत्र भरना होगा। फिर उसका प्रिंट निकालकर अपॉइंटमेंट लेना होगा। इसके बाद पासपोर्ट और बाकी जरूरी दस्तावेजों के साथ भारतीय वीजा केंद्र में आवेदन जमा करना होगा।
भारत सरकार का यह कदम ऐसे समय पर सामने आया है जब दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। 2020 में जब कोरोना महामारी फैली थी, तब भारत ने विदेशी पर्यटकों के वीजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद अप्रैल 2022 में भारत ने साफ कर दिया था कि चीनी नागरिकों को टूरिस्ट वीजा नहीं मिलेगा। वजह यह थी कि चीन ने भारत के 22,000 से ज़्यादा छात्रों को वापस लौटने की अनुमति नहीं दी थी। इसके विरोध में भारत ने भी चीनी पर्यटकों को वीजा देना बंद कर दिया था।
लेकिन अब हालात में बदलाव देखा जा रहा है। पूर्वी लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक इलाकों से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट चुकी हैं। चार साल से भी ज़्यादा समय से इन इलाकों में तनाव बना हुआ था। फौज की वापसी के बाद दोनों देशों के बीच विश्वास की बहाली की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है। इसी साल जनवरी में भारत और चीन के बीच विमान सेवाएं भी दोबारा शुरू हो गई थीं। यह फैसला भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री की चीन यात्रा के बाद लिया गया था। उस दौरे में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई थी।
उसी मुलाकात के दौरान यह भी तय हुआ था कि कैलाश मानसरोवर यात्रा को भी फिर से शुरू किया जाएगा। इसके बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी चीन के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन की विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। इन तमाम कोशिशों के बीच भारत का यह नया फैसला दोनों देशों के रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम के रूप में देखा जा रहा है।
