चीन सीमा के और करीब पहुंचा भारत, बीआरओ ने टोपीडुंगा तक सड़क काटकर दिखाया दम

उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत और चीन की सीमा से जुड़ा इलाका एक बार फिर चर्चा में है। यहां बीआरओ यानी बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन…

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उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत और चीन की सीमा से जुड़ा इलाका एक बार फिर चर्चा में है। यहां बीआरओ यानी बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने चीन सीमा तक पहुंचने वाले रास्ते को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा काम किया है। बीआरओ ने अब टोपीडुंगा तक सड़क की कटिंग पूरी कर ली है। इससे भारतीय जवानों की चौकियों तक पहुंच आसान हो जाएगी।

कमांडेंट कर्नल अंकुर महाजन का कहना है कि इस काम को पूरा करने में लगभग चार साल का वक्त लगा और अब जल्द ही सड़क पर डामरीकरण का काम शुरू होगा। उनका कहना है कि यह एक बड़ा माइलस्टोन है जो सीमांत क्षेत्र के लिए काफी अहम साबित होगा। सड़क तैयार हो जाने के बाद सेना के वाहनों और रसद की आवाजाही में आसानी होगी।

अब तक सुमना तक ही एक छोटी सड़क थी जहां तक पहुंचने में जवानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। इलाके की दुर्गम भौगोलिक स्थिति और बर्फबारी के बावजूद बीआरओ लगातार काम में जुटी रही। चार साल की मेहनत के बाद अब सड़क का सपना साकार हो गया है।

बीआरओ का अगला लक्ष्य 2026 की शुरुआत तक चीन बॉर्डर तक सड़क को पूरी तरह जोड़ देना है। ताकि सीमांत चौकियों तक हर मौसम में आवाजाही संभव हो सके। इसके साथ ही भारत सरकार वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमा से सटे गांवों को भी बेहतर सुविधाओं से जोड़ रही है। ताकि यहां के लोग पलायन न करें और सीमांत इलाकों में जिंदगी और भी आसान बन सके।

पिथौरागढ़ समेत कई सीमांत जिलों में भी सड़क निर्माण तेजी से चल रहा है। बर्फ और ग्लेशियरों से ढके इन इलाकों में बीआरओ के जवान दिन रात काम कर रहे हैं। कठिन मौसम और ऊंचाई वाली चुनौतियों के बावजूद सीमाओं तक सड़कों का विस्तार भारत की मजबूती और संकल्प को दिखाता है।