राजस्थान का रणथंभौर नेशनल पार्क जहां लोग रोमांच और वाइल्ड लाइफ सफारी का मजा लेने जाते हैं वही यह मजा एक फैमिली के लिए काफी डरावना साबित हुआ। बताया जा रहा है कि करीब 20 लोगों का ग्रुप सफारी गया था लेकिन सफारी गाइड की लापरवाही की वजह से उन्हें खतरनाक स्थिति से गुजरना पड़ा।
बताया जा रहा है कि सफारी के दौरान अचानक पर्यटकों की सवारी करा रही कैंटर (ओपन बस) जंगल के बीचोबीच खराब हो गई। इसी बीच गाइड ने यात्रियों से बदसलूकी की और दूसरा कैंटर लाने के बहाने वहां से चला गया, लेकिन वापस लौटने के बजाय वह उन्हें वहीं छोड़कर फरार हो गया।
रणथंभौर नेशनल पार्क में 60 से ज्यादा बाघ है। ऐसे में अंधेरा घना जंगल और जंगली जानवरों की मौजूदगी किसी को भी डर में डाल सकती है। बताया जा रहा है कि बच्चे अंधेरे में बैठकर रो रहे थे और महिलाएं काफी परेशान हो गई थी और मदद की उम्मीद कर रही थी मोबाइल की फ्लैशलाइट ही उसे समय उनका सहारा बनी।
इस घटना के सामने आने के बाद पार्क प्रशासन एक्टिव हुआ। उपवन संरक्षक ने बताया कि जांच पूरी होने तक तीन कैंटर चालकों- कन्हैया, शहजाद चौधरी और लियाकत अली के साथ गाइड मुकेश कुमार बैरवा को रणथंभौर पार्क में एंट्री से रोक दिया गया है। यह कदम पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व न केवल बाघों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां तेंदुए, सुस्त भालू, मगरमच्छ, सियार, रेगिस्तानी लोमड़ी और कई प्रजातियों के पक्षी व सरीसृप भी बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। यही वजह है कि यह पार्क दुनिया भर से सैलानियों को आकर्षित करता है।
