राजधानी लखनऊ के चिनहट इलाके से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने मां-बेटी के रिश्ते को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। सेमरा गांव में शनिवार की रात एक महिला की निर्मम हत्या ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। इस वारदात की सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि महिला की हत्या किसी बाहरी ने नहीं, बल्कि उसकी अपनी ही नाबालिग बेटी ने की। बेटी ने यह खौफनाक कदम अपने प्रेमी के साथ मिलकर उठाया, जो एक अन्य समुदाय से संबंध रखता है।
मृतका की पहचान 40 वर्षीय ऊषा सिंह के रूप में हुई है, जो एक सरकारी भवन में सफाईकर्मी के रूप में संविदा पर कार्यरत थीं। कई वर्षों से विधवा रह रहीं ऊषा अपनी बेटी की परवरिश अकेले कर रही थीं। बताया गया कि ऊषा अपनी नाबालिग बेटी के प्रेम संबंधों से परेशान थीं और लगातार उसे समझाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन बेटी ने मां की ममता को ताक पर रखते हुए एक खौफनाक साजिश रच डाली।
रविवार सुबह जब ऊषा के भाई ने पुलिस को सूचना दी कि उनकी बहन की गला रेतकर हत्या कर दी गई है, तो घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने देखा कि मृतका के सिर और चेहरे पर भी चोटों के गहरे निशान थे। पहले तो यह एक आम हत्या का मामला लगा, लेकिन जब पुलिस ने घर में मौजूद बेटी से पूछताछ की तो उसकी बातें संदेह के घेरे में आ गईं। उसने दावा किया कि वह रात में घर पर नहीं थी, लेकिन मोबाइल लोकेशन ने उसका झूठ उजागर कर दिया। इसके बाद जब पुलिस ने सख्ती दिखाई, तो लड़की ने वह सच कबूल लिया, जिसे सुनकर हर कोई सन्न रह गया।
पुलिस को दी जानकारी में किशोरी ने बताया कि उसकी मां उसके प्रेम संबंधों को लेकर बेहद सख्त थीं और कई बार उसे डांटती भी थीं। इसी नाराजगी के चलते उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर मां को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। शनिवार रात उसने प्रेमी को घर बुलाया और खिड़की का शीशा तोड़कर एक बड़ा कांच का टुकड़ा निकाला। फिर दोनों ने मिलकर ऊषा का गला रेत दिया।
यह भी सामने आया है कि यह प्रेम कहानी कोई नई नहीं थी। वर्ष 2024 में लड़की पहले भी अपने प्रेमी के साथ घर छोड़कर भाग गई थी, जिसके बाद उसकी मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि तब पुलिस ने दोनों को ढूंढ निकाला था और लड़की को उसके घर वापस लाया गया था। उसी घटना के बाद से मां-बेटी के रिश्तों में दरारें गहराती चली गईं।
फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की उम्र कानूनी रूप से नाबालिग होने के कारण उन्हें बाल सुधार गृह भेजा जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी और एडीसीपी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। तीन विशेष जांच टीमों का गठन किया गया है, जो अलग-अलग पहलुओं से मामले की जांच कर रही हैं। फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल से अहम साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं।
यह वारदात सिर्फ एक हत्या नहीं है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों के गिरते स्तर की एक गंभीर चेतावनी है। जिस उम्र में बेटियों को मां की छांव की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, उस उम्र में किसी बेटी का इतना अमानवीय कदम उठाना पूरे समाज के लिए एक गहरी चिंता का विषय बन गया है।
