दिल्ली गाजीपुर में एक पिता अपनी बेटी को नशेड़ी पति के हाथों बचाते हुए अपनी जान गंवा बैठे। 60 साल के रणवीर सिंह ने अपनी बेटी निशा की सुरक्षा के लिए संघर्ष किया और उसी दौरान उनके दामाद संदीप ने उन पर आग लगा दी। रणवीर सिंह कई दिन अस्पताल में इलाज के बावजूद अपनी जान नहीं बचा सके, लेकिन अपने आखिरी समय में उन्होंने पुलिस को अपने दामाद के कृत्य के बारे में बताया।
रणवीर सिंह रोज अपनी बेटी के साथ मारपीट होते देख परेशान रहते थे और 7 अगस्त को अपनी बेटी को सुरक्षित रखने के लिए उसे घर ले आए। इससे संदीप नाराज हो गया और लगातार बेटी को वापस भेजने के लिए दबाव बनाने लगा। 16 अगस्त की सुबह संदीप हाथ में 300 एमएल की प्लास्टिक की बोतल और लाइटर लेकर घर आया। उसने कहा निशा को क्यों नहीं भेजते, आज सबक सिखाऊंगा, और बोतल का लिक्विड रणवीर पर डालकर आग लगा दी। रणवीर का चेहरा, छाती और शरीर का 20 फीसदी हिस्सा जल गया।
पत्नी और बेटी तुरंत दौड़ीं और बेटे ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके से जली हुई बोतल और लाइटर बरामद किया। गाजीपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर संदीप को गिरफ्तार कर लिया गया। इलाज के दौरान रविवार को रणवीर सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने अब मामले में हत्या की धारा भी जोड़ दी।
