आगरा में केवाईसी मिलान के लिए महिलाओं को हटानी पड़ रही है माथे की बिंदिया

कासगंज आंगनबाड़ी केंद्रो से मिलने वाले पोषाहार को पाने के लिए महिलाओं को अपने सुहाग की निशानी माथे की बिंदिया हटानी पड़ रही है। यह…

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कासगंज आंगनबाड़ी केंद्रो से मिलने वाले पोषाहार को पाने के लिए महिलाओं को अपने सुहाग की निशानी माथे की बिंदिया हटानी पड़ रही है। यह बिंदी पोषण ऐप पर चेहरा मिलन में बाधा बन रही है। इसके साथ अन्य तकनीक कर्मी भी ई केवाईसी में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।


अभी तक 50% लाभार्थियों की ही केवाईसी हो पाई है। शासन से पोषाहार वितरण में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए व्यवस्था में बदलाव किया गया है। जुलाई माह से होने वाले पोषाहार चेहरा मिलान होने के बाद ही मिलेगा। इसके लिए 30 जून तक पोषण ऐप पर ई केवाईसी का फोटो अपलोड करने का समय भी निर्धारित किया गया है।

जिले में 148574 लाभार्थियों की ई केवाईसी होनी थी, लेकिन इस कार्य में तमाम बाधाएं सामने आ रही हैं। महिलाओं के आधार के फोटो में यदि बिंदी नहीं लगी हुई है और अब वे बिंदी लगाकर फोटो अपलोड कराने पहुंचती हैं तो उनका फोटो अपलोड नहीं होता। इसके साथ ही अन्य किसी कारण से भी यदि चेहरे का मिलान नहीं होगा तो दिक्कतों का सामना लगातार करना होगा। अभी तक लगभग 70000 लाभार्थियों का ही पोषण ऐप पर कार्य पूरा हो पाया है।

शासन से अभी तिथि भी नहीं बढ़ाई गई है। ऐसे में ई केवाईसी का कार्य पूरा न होने पर जुलाई से वितरित होने वाले पोषाहार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।