प्राइवेट नौकरी करने वालों के मन में हमेशा से ही चिंता रहती है कि रिटायरमेंट के बाद आकर उनके घर का खर्च कैसे चलेगा। नौकरी के दौरान हर महीने सैलरी आती है लेकिन उम्र बढ़ाने के साथ खर्च कम नहीं होते हैं।
मेडिकल, घर और रोजमर्रा की ज़रूरतें लगातार बनी रहती है। ऐसे में अगर आप को भी हर महीने पेंशन मिलती रहे तो यह जिंदगी आसान हो जाती है। इसी सोच के साथ केंद्र सरकार ने अटल पेंशन योजना की शुरुआत की है।
यह योजना उन लोगों के लिए है जिन्हें नौकरी से रिटायर होने के बाद किसी तरह की पेंशन या आर्थिक सहारा नहीं मिलता है। कम निवेश में भविष्य की बड़ी चिंता को हल करने का यह एक भरोसेमंद तरीका माना जाता है।
अटल पेंशन योजना साल 2015 में शुरू की गई थी और इसका एकमात्र मकसद था कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को बुजुर्ग अवस्था में आर्थिक सुरक्षा देना। इस योजना में 18 से 40 वर्ष के लोग शामिल हो सकते हैं।
सदस्य को अपनी उम्र और चुने हुए पेंशन स्लैप के हिसाब से हर महीने एक राशि जमा करनी होती है। 60 साल की उम्र पूरी होने पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की मासिक पेंशन मिलती है।
यह पेंशन जीवन भर मिलती है जिससे रिटायरमेंट के बाद भी खर्चों को संभालना आसान हो जाता है। अगर सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो यह पेंशन का लाभ पति या पत्नी को मिलता है। दोनों के न रहने पर जमा की गई राशि नॉमिनी को दी जाती है जो लोग अभी किसी भी पेंशन योजना का हिस्सा नहीं है उनके लिए यह सुरक्षित योजना है।
अटल पेंशन योजना में आवेदन की प्रोसेस काफी आसान रखी गई है। इसके लिए सबसे पहले आपका बैंक खाता होना जरूरी है। नजदीकी बैंक शाखा में जाकर योजना का फॉर्म भरना होता है।
आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के जरिए वेरिफिकेशन पूरा किया जाता है। इसके बाद हर महीने आपके बैंक खाते से ECS के जरिए ऑटोमैटिक योगदान कटता रहता है। पेंशन स्लैब चुनते समय आपकी मंथली प्रीमियम तय होता है।
उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति 20 साल की उम्र में 1000 रुपये मासिक पेंशन चुनता है तो उसे करीब 42 रुपये महीने जमा करने होंगे।
वहीं 5000 रुपये की पेंशन के लिए योगदान राशि ज्यादा होती है। कम उम्र में योजना से जुड़ने पर निवेश कम और फायदा ज्यादा मिलता है। इसलिए प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए यह रिटायरमेंट प्लानिंग का एक बहुत अच्छा ऑप्शन है।
