सरकार ने एक गाइडलाइन जारी की है जिसके तहत कोविड-19 पॉजिटिव होने के बाद अगर किसी व्यक्ति की 30 दिन के भीतर मौत होती है तो उसकी मौत को कोरोना से हुई मौत में गिना जायेगा। और इस तरह के मामलों में मृत्यु प्रमाणपत्र में मौत की वजह कोविड—19 अंकित किया जायेगा।
सरकार ने इस गाइडलाइन को सुप्रीम कोर्ट में चल रही एक सुनवाई में पेश किया। एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को केंद्र सरकार को इस मामले में दिशा- निर्देश जारी करने को कहा था जिसके बाद बीते शुक्रवार को सरकार ने एक एफिडेविट फाइल कर इसकी जानकारी दी। 30 जून को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि कोविड—19 महामारी के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों की हुई मौत या फिर इससे ठीक होकर इसकी जटिलताओं के कारण घर में हुई मृत्यु को कोरोना से हुई मौत मानने की सरकार कदम उठाये।
सु्प्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च आइ्रसीएमआर औश्र भारत सरकार के परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बाबत इसी माह 3 सितंबर को नए नियमों को मंजूरी दी। कोरोना से हुई मौत के बारे में जारी नये दिशा निर्देशों के तहत कोविड—19 की पुष्टि होने के बाद अस्पताल में मौत होने या फिर अस्पताल से छुट्टी हो जाने पर भी हुई मौत को कोविड—19 से हुई मौत माना जायेगा।
30 जून को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित करते हुए कहा था कि कोरोना के कारण हुई मौत के मामले सरकार डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के साथ ही इसके बारे में गाइडलाइन जारी करे।
विगत 3 सितंबर को जारी हुई गाइडलाइन के अनुसार आरटीपीसीआर टेस्ट,एंटीजन टेस्ट या क्लिनिकल छानबीन में कोविड का पता चलने पर इसे कोविड ही माना जाएगा। इस गाइडलाइन में आगे कहा गया कि यदि मौत का कारण जहर, आत्महत्या या एक्सिडेंट हो तो मृत्यु का कारण कोविड—19 से हुई मौत नही माना जायेगा, भले ही मरने वाले में कोविड—19 संक्रमण की पुष्टि हुई हो।

