व्हाट्सएप कॉल पर खुद को बताया पुलिस अधिकारी, फिर बंगलुरु की दो महिलाओं का किया यौन शोषण

बंगलुरु से एक बेहद डरावनी और शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने ऑनलाइन ठगी की सीमा को पार कर दिया है। 17 जुलाई 2025 को…

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बंगलुरु से एक बेहद डरावनी और शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने ऑनलाइन ठगी की सीमा को पार कर दिया है। 17 जुलाई 2025 को दो महिलाओं के पास एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉल करने वालों ने खुद को मुंबई के कोलाबा थाने का पुलिस अधिकारी बताया। झूठे आरोप लगाकर उन्हें जाल में फंसाया गया और फिर व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर कपड़े उतरवाकर उनका यौन शोषण किया गया।

जालसाजों ने महिलाओं में से एक को जेट एयरवेज घोटाले में शामिल बताया और उस पर धन शोधन, मानव तस्करी और हत्या जैसे संगीन अपराधों के आरोप लगाए। आधार कार्ड के सटीक विवरण और फर्ज़ी गिरफ्तारी वारंट का हवाला देकर उन्हें इतना डरा दिया गया कि उन्होंने हर बात माननी शुरू कर दी। एक महिला से ₹58,477 की रकम एचडीएफसी बैंक खाते से निकलवा ली गई, जिसे आरबीआई और सीबीआई की फर्ज़ी जांच के नाम पर ठग लिया गया।

घटना की सबसे खौफनाक बात यह रही कि इन महिलाओं को गोली के निशान और टैटू चेक करने के बहाने ‘मेडिकल जांच’ के नाम पर करीब नौ घंटे तक व्हाट्सएप कॉल पर नग्न अवस्था में रखा गया। इस दौरान उन्हें ‘डिजिटल अरेस्ट’ का हवाला देते हुए लगातार धमकियां दी जाती रहीं।

रात करीब आठ बजे जब एक महिला ने अपने दोस्त से बात की, तब जाकर उन्हें समझ में आया कि वे एक बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुकी हैं। इसके बाद दोनों महिलाएं बनासवाड़ी पुलिस स्टेशन पहुंचीं और शिवाजीनगर स्थित सीईएन क्राइम ब्रांच में साइबर अपराध की रिपोर्ट दर्ज कराई।

पीड़ित महिलाओं ने पुलिस को उन मोबाइल नंबरों की सूची सौंपी, जिनसे कॉल किए गए थे। साथ ही फोनपे के जरिए किए गए लेन-देन में ‘अभिषेक एसपी’ नामक व्यक्ति का नाम भी सामने आया है। उन्होंने अधिकारियों से मांग की है कि इस घिनौने अपराध में शामिल लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उस दौरान खींचे गए किसी भी वीडियो या तस्वीर को इंटरनेट से हटाया जाए।

यह घटना न केवल साइबर अपराधियों की चालबाजियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि डिजिटल दुनिया में कितनी आसानी से किसी की अस्मिता को निशाना बनाया जा सकता है।