हरिद्वार के एक होटल में कमरे के भीतर आग की लपटों में घिरकर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में तैनात अवर अभियंता मोहित की मौत ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। शुरुआती जांच में पुलिस को ऐसे संकेत मिले हैं जिनसे लगता है कि मोहित मानसिक तनाव से जूझ रहा था। उसने अपने पिता से आखिरी बातचीत में यह तक कहा था कि वह सत्य की तलाश में निकलना चाहता है। इसके बाद उसके अचानक गायब होने और फिर होटल में आग से जिंदा जलकर खत्म हो जाने की घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मोहित की उम्र केवल पच्चीस साल थी। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उसे सीपीडब्ल्यूडी में अवर अभियंता के पद पर नौकरी मिली थी और पंजाब के बठिंडा में उसकी तैनाती थी। नौकरी और जीवन सबकुछ सामान्य चल रहा था लेकिन धीरे धीरे उसके व्यवहार में बदलाव आने लगा। बीते छब्बीस अगस्त को वह अचानक अपने कमरे से मोबाइल छोड़कर गायब हो गया। घरवालों ने गुमशुदगी दर्ज कराई लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। दो दिन बाद गुरुवार की सुबह वह हरिद्वार पहुंचा और एक होटल में कमरे की बुकिंग कराई। उसने रजिस्टर में एक नंबर अपना और दूसरा अपने पिता का लिखवाया।
करीब दो घंटे बाद कमरे से धुआं उठता देख होटल कर्मचारी वहां पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था और जब तोड़कर खोला गया तो अंदर आग ने सबकुछ तबाह कर दिया था। बिस्तर गद्दे पंखे एसी और दीवारें तक जलकर खाक हो गई थीं। उसी आग में मोहित की भी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने जब उसके परिवार से बात की तो पता चला कि वह पिछले कुछ दिनों से अजीब बातें कर रहा था और बार बार यही कह रहा था कि उसे सत्य की खोज में जाना है।
पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच अलग अलग पहलुओं से कर रही है। शक यह भी जताया जा रहा है कि मोहित पहले से योजना बनाकर हरिद्वार आया था। रजिस्टर में पिता का नंबर लिखना और कमरे में अकेले ठहरना इस बात का संकेत है कि उसने यह कदम सोच समझकर उठाया। घटना के बाद होटल का कमरा खंडहर में बदल गया और परिवार गहरे सदमे में है। पुलिस प्रेम प्रसंग से लेकर मानसिक स्थिति तक हर एंगल से जांच कर रही है ताकि मौत की असली वजह सामने आ सके।
