नई दिल्ली: 81 दिन बाद देश में कोरोना के नए मामले 60 हजार से कम दर्ज किए गए थे। वहीं कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या भी कम होकर अब सात लाख 29 हजार के आसपास हो गई है। यह संक्रमण के कुल मामलों का 2.44 फीसदी है। कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर अब 96.27 फीसदी है। चूंकि फिलहाल टीकाकरण का काम तेजी से चल रहा है और अब तक देश में 27 करोड़ से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद महामारी की तीसरी लहर के खतरे की संभावना भी जताई जा रही है और हर्ड इम्यूनिटी की बातें भी की जा रही हैं।
कोरोना वायरस के लक्षण और एलर्जी के लक्षण को कैसे अलग करें?
- दिल्ली स्थित एम्स के Dr. Neeraj Nischal कहते हैं, ‘एलर्जी रातों-रात नहीं होती है। अगर किसी की एलर्जी वाली हिस्ट्री है और वो इंसान किसी ऐसे के संपर्क में नहीं आया है, जिसे कोविड-19 हो सकता है, उसे सर्दी-जुकाम होता है तो वो एलर्जी हो सकती है। लेकिन इस महामारी के समय में जिसको भी सर्दी-जुकाम अगर होता है, खांसी होती है, बुखार होता है तो इसमें टेस्ट करवाने में कोई हिचक दिखाने की जरूरत नहीं है। इस टेस्ट से आप न सिर्फ खुद को बचाएंगे बल्कि दूसरे को भी संक्रमित नहीं करेंगे, ये भी आपके लिए जरूरी है।’
करोड़ों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, क्या अब हम हर्ड इम्यूनिटी उम्मीद कर सकते हैं?
- Dr. Neeraj Nischal कहते हैं, ‘पिछली लहर में भी कुछ लोगों ने कहा था कि हम हर्ड इम्यूनिटी के काफी पास पहुंच गए हैं, लेकिन ऐसा कुछ देखने में नहीं आया। वायरस के बारे में हमारे जो पूर्वानुमान हैं, ये उसे हमेशा गलत साबित कर देता है। हर्ड इम्यूनिटी के चक्कर में हम लापरवाही बिल्कुल नहीं कर सकते हैं। इसके बारे में अभी कुछ साफ नहीं है। एंटीबॉडी टेस्ट के भरोसे आप अभी नहीं रहिए। कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर (कोरोना से बचने के उपाय, जैसे मास्क पहनना, हाथ धोना, सुरक्षित शारीरिक दूरी) का पालन करें और जब भी मौका लगे अपने आप को वैक्सीनेट करवाएं।’
लोग मास्क ठीक से नहीं लगा रहे हैं, यह कहां तक ठीक है?
- डॉ. नीरज निश्चल (Dr. Neeraj Nischal) कहते हैं, ‘लोगों को समझने की जरूरत है कि उनके पास मास्क है, केवल इसलिए यह वायरस नहीं चला जाएगा। मास्क जब तक आपकी नाक, मुंह को अच्छे से न ढके, तब तक ये मास्क बेकार है। इस तरह की लापरवाही ठीक नहीं है। जब भीड़ वाले इलाक में जाएं तो एक नहीं दो मास्क पहनें। जितनी ज्यादा सावधानी आप रख सकते हैं, उतना ही आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। ये बीमारी किसी को भी परेशान कर सकती है। अगर बीमार हैं तो घर पर रहें, बिल्कुल भीड़ वाले इलाके में न जाएं और बेवजह घर से बाहर न निकलें।’
लोग फिर से बाहर निकलने लगे हैं, खतरा बढ़ने की कितनी संभावना है?
- डॉ. नीरज निश्चल (Dr. Neeraj Nischal ) कहते हैं, ‘जनवरी में भी कुछ इस तरह का माहौल था कि केस कम होने शुरू हो गए। सभी को लगा कि कोविड-19 चला गया है। लेकिन मार्च में हमने देखा कि केस फिर से आने लगे। इस महामारी की सबसे बड़ी परेशानी यही है कि थोड़ी भी लापरवाही करने पर ये बहुत बुरी तरह से परेशान करेगा। लोगों को दूसरी लहर से सीख लेनी चाहिए। रिलैक्सेशन (रियायत) दिया गया है, इसका मतलब ये नहीं है कि कोरोना खत्म हो गया है। बिल्कुल सावधानी नहीं हटानी है, कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना है। जो भी वैक्सीन के लिए योग्य हैं, वह आगे आ कर वैक्सीन जरूर लगवाएं, तभी हम इस महामारी पर विजय पा सकते हैं।’

