हिंदुस्तान से बड़ी खबर आई है HIV जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए एक नई दवा अब बेहद सस्ती होने जा रही है। साल 2027 से यह दवा दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में सिर्फ 40 डॉलर यानी लगभग 3 हजार 500 रुपये सालाना में उपलब्ध होगी। यह उन लाखों लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण है जो इस बीमारी के डर में जी रहे हैं।
इस दवा का नाम लेनाकापाविर है। यह एक इंजेक्शन है जिसे साल में केवल दो बार लगवाना होता है। स्टडी में यह साबित हुआ है कि यह HIV के संक्रमण को रोकने में 99.9 प्रतिशत से ज्यादा असरदार है। सोचिए साल में दो बार इंजेक्शन लगवाने से आप इस जानलेवा बीमारी से लगभग पूरी तरह सुरक्षित रह सकते हैं।
अभी अमेरिका में इसे येझटुगो ब्रांड नाम से बेचा जाता है और इसकी कीमत करीब 28 हजार डॉलर यानी लगभग 23 लाख रुपये सालाना है। इतनी ऊंची कीमत के कारण यह दवा आम लोगों के लिए मुश्किल से उपलब्ध थी।
भारत की दवा कंपनियों ने इसे सस्ता बनाने में अहम भूमिका निभाई है। यूनिटेड और गेट्स फाउंडेशन जैसी बड़ी स्वास्थ्य संस्थाओं ने भारत की फार्मा कंपनियों जैसे डॉ रेड्डीज़ लैबोरेटरीज और हेटेरो के साथ समझौता किया है। ये कंपनियां लेनाकापाविर का जेनेरिक वर्ज़न बनाएंगी जिससे इसकी कीमत हज़ारों गुना कम हो जाएगी।
गेट्स फाउंडेशन के ग्लोबल हेल्थ हेड ट्रेवर मंडेल का कहना है कि लेनाकापाविर जैसी खोजें HIV महामारी को खत्म करने में मदद कर सकती हैं लेकिन तभी जब यह उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।
दुनिया भर में HIV से लड़ाई जारी है लेकिन हर साल लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं। 2024 के आंकड़े बताते हैं कि 13 लाख लोग HIV संक्रमित हुए। ऐसे में एक असरदार और किफायती दवा का आना इस लड़ाई में बड़ा बदलाव ला सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इस दवा की मदद से HIV को पूरी तरह खत्म करने का सपना हकीकत बन सकता है।
यह समझौता कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए वरदान साबित होगा जहां HIV का खतरा सबसे ज्यादा है। 2027 का इंतजार करना पड़ेगा लेकिन यह कदम निश्चित रूप से एक स्वस्थ भविष्य की दिशा में बहुत बड़ा मोड़ साबित होगा।
