श्रद्धालुओं की आस्था पर हाईकोर्ट का आदेश, नन्दा देवी महोत्सव के लिए अस्थायी बलि स्थल बनाने के निर्देश

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में नन्दा देवी महोत्सव के दौरान पशु बलि की परंपरा को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर अहम सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जी…

नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में नन्दा देवी महोत्सव के दौरान पशु बलि की परंपरा को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर अहम सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान किया जाएगा। अदालत ने नगर पालिका को आदेश दिया कि महोत्सव के समय एक उपयुक्त स्थान चिन्हित कर वहां अस्थायी स्लाटर हाउस बनाया जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि बलि की प्रक्रिया के दौरान निर्धारित नियमों का पालन अनिवार्य होगा और फूड इंस्पेक्टर मौके पर मौजूद रहकर पूरी व्यवस्था की जांच करेंगे।

यह याचिका नैनीताल के निवासी पवन जाटव और अन्य लोगों ने दाखिल की थी। इसमें कहा गया कि नन्दा देवी महोत्सव के समय से बलि प्रथा चली आ रही है और यह परंपरा पीढ़ियों से जुड़ी हुई है। लेकिन कुछ वर्षों पहले हाईकोर्ट ने मंदिर में बकरों की एंट्री और बलि पर रोक लगा दी थी। इस आदेश से श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही थीं और परंपरा टूटने का खतरा पैदा हो गया था।

याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अपील की थी कि महोत्सव में बलि देने की अनुमति फिर से दी जाए और इसके लिए अस्थायी स्थल का इंतजाम किया जाए। हाईकोर्ट ने दलीलों को सुनने के बाद आदेश जारी करते हुए कहा कि नगर पालिका बलि के लिए अस्थायी जगह उपलब्ध कराए और पूरी प्रक्रिया को नियमों के तहत संचालित किया जाए।