रामनगर हिंसा पर हाईकोर्ट सख्त, बीजेपी नेता मदन जोशी पर दंगे भड़काने के मामले में जांच के आदेश

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट की नैनीताल खंडपीठ ने रामनगर हिंसा मामले में नैनीताल पुलिस को बीजेपी नेता मदन जोशी के खिलाफ दंगा भड़काने की साजिश के…

Clash in Uttarakhand over High Court shifting, lawyers protest

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट की नैनीताल खंडपीठ ने रामनगर हिंसा मामले में नैनीताल पुलिस को बीजेपी नेता मदन जोशी के खिलाफ दंगा भड़काने की साजिश के आरोपों की जांच कर 7 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।इस मामले में बीते दिन 29 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी।


नासिर की पत्नी ने लगाई सुरक्षा की गुहार
मामला 23 अक्टूबर को रामनगर कोतवाली क्षेत्र के छोई इलाके का है, जहां ड्राइवर नासिर की गोवंश के शक में भीड़ ने पिटाई कर दी थी। इसके बाद नासिर की पत्नी नूरजहां ने खुद और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।


बीजेपी नेता पर भड़काऊ पोस्ट का आरोप
नूरजहां की अधिवक्ता मृणाल कंवर ने कोर्ट में बताया कि स्थानीय बीजेपी नेता मदन जोशी लगातार सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और लाइव वीडियो कर रहे हैं। उन्होंने अपने 23 अक्टूबर के कृत्य को सही ठहराया और धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया।


कोर्ट ने कहा – भड़काऊ पोस्ट हटवाएं
इस पर हाईकोर्ट ने रामनगर पुलिस को सख्त निर्देश दिए कि मदन जोशी और उनके समर्थक किसी भी तरह की भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया पर न करें। साथ ही पहले से डाली गई पोस्ट्स को फेसबुक से हटवाने के आदेश दिए गए हैं।


पुलिस ने दी रिपोर्ट – भैंस का था मांस,गौमांस नही
नैनीताल पुलिस की ओर से अदालत को बताया गया कि छोई में जो मांस ले जाया जा रहा था, वह भैंस का था, और उसके लिए बरेली से जारी वैध लाइसेंस और फूड सेफ्टी सर्टिफिकेट मौजूद था।


राजनीतिक दबाव में न आए पुलिस – हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने रामनगर पुलिस को सुप्रीम कोर्ट के तहसीन पूनावाला बनाम भारत सरकार केस का हवाला देते हुए कहा कि भीड़ हिंसा के मामलों में सख्त कार्रवाई जरूरी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि पुलिस किसी भी राजनीतिक दबाव में न आए और कानून के मुताबिक निष्पक्ष कार्रवाई करे।


दो गिरफ्तार, बाकी पर जल्द कार्रवाई
सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और बाकी आरोपियों पर भी कार्रवाई जारी है।