देहरादून, 2 सितम्बर 2025
उत्तराखण्ड सचिवालय में राज्य सरकार और एन.एच.एल.एम.एल (National Highways Logistics Management Limited) के बीच हुए समझौते के बाद गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबे रोपवे की परियोजना को मंजूरी मिल गई है।
यह महत्वाकांक्षी परियोजना ₹2700 करोड़ से अधिक की लागत से बनाई जाएगी। रोपवे शुरू होने के बाद लाखों श्रद्धालुओं की हेमकुंड यात्रा अब और भी सुरक्षित, आसान और समयबद्ध हो जाएगी।
🙏 गुरुद्वारा प्रबंधन ट्रस्ट ने जताई खुशी
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रति आभार जताया।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना श्रद्धालुओं की आस्था और सुविधा के लिए एक अद्वितीय उपहार है। कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और पर्वतमाला परियोजना के विज़न ने हेमकुंट साहिब जैसे पवित्र तीर्थस्थल को विश्व पटल पर और अधिक सुलभ बनाया है। कहा कि य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अथक प्रयासों और कुशल नेतृत्व से यह सपना साकार हुआ है।
🚡 परियोजना का महत्व
रोपवे से यात्रा का समय कई घंटे घटकर कुछ ही मिनटों का रह जाएगा।
श्रद्धालुओं को सुरक्षित और मौसम से बेपरवाह यात्रा का अनुभव मिलेगा।
स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह परियोजना भावी पीढ़ियों के लिए श्री हेमकुंड साहिब की पवित्रता और धरोहर को संरक्षित रखने का साधन बनेगी।
📍 धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
श्री हेमकुंट साहिब सिख श्रद्धालुओं का प्रमुख तीर्थस्थल है, जहां हर साल लाखों यात्री दर्शन करने पहुंचते हैं। कठिन चढ़ाई और मौसम की वजह से अक्सर श्रद्धालुओं को दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है। रोपवे बनने के बाद यह यात्रा सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए बेहद आसान और सुरक्षित होगी।
क्यों प्रसिद्ध है हेमकुंड साहिब? जानें इस पवित्र स्थल का इतिहास और महत्व
हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों का एक बेहद पवित्र तीर्थस्थल है। यह जगह समुद्र तल से करीब 4632 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं।
🙏 गुरु गोबिंद सिंह से जुड़ा स्थल
हेमकुंड साहिब का उल्लेख दशम ग्रंथ में मिलता है। यह स्थान सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी को समर्पित है। यहां मौजूद गुरुद्वारा श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है और सिख धर्म में इसका विशेष महत्व है।
🏔️ प्राकृतिक सौंदर्य और झील
- यह गुरुद्वारा एक खूबसूरत बर्फीली झील के किनारे स्थित है।
- आसपास सात ऊँचे-ऊँचे हिमालयी पहाड़ हैं, जो इस जगह को और भी दिव्य बना देते हैं।
- गर्मियों में यहां की झील और घाटी का नजारा बेहद मनमोहक होता है।
🚶 यात्रा मार्ग
- हेमकुंड साहिब तक पहुँचने के लिए श्रद्धालुओं को गोविंदघाट से पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है।
- रास्ते में घांघरिया नामक जगह पर रुककर श्रद्धालु आगे की यात्रा करते हैं।
- कठिन चढ़ाई के बावजूद श्रद्धालु बड़ी आस्था और उत्साह से यहां पहुंचते हैं।
🌸 वैली ऑफ फ्लावर्स से नजदीक
हेमकुंड साहिब के पास ही विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी (Valley of Flowers) स्थित है, जिससे यह क्षेत्र और भी खास बन जाता है।
📌 क्यों है प्रसिद्ध?
- धार्मिक महत्व: गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ा होने के कारण यह सिखों का प्रमुख तीर्थ स्थल है।
- प्राकृतिक सौंदर्य: सात पहाड़ों से घिरा बर्फीला क्षेत्र, झील और अद्भुत दृश्य।
- साहसिक यात्रा: ऊँचाई और पैदल मार्ग इसे रोमांचक और चुनौतीपूर्ण यात्रा बनाते हैं।
