दक्षिण-पूर्व एशिया में दिल के रोग लगातार जानलेवा साबित हो रहे हैं। हर मिनट इस क्षेत्र में आठ लोग दिल की बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। विश्व हृदय दिवस से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस क्षेत्र में दिल की बीमारियाँ मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बन चुकी हैं। हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों में हृदय स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाना है।
डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया प्रभारी डा कैथरीना बोहेम ने बताया कि इस क्षेत्र में हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह से पीड़ित करीब 85 प्रतिशत लोग अपनी स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं। शहरीकरण और बढ़ती उम्र के साथ स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव और बढ़ गया है जबकि संसाधनों की कमी पहले से मौजूद है। उन्होंने बताया कि वित्तीय और नियमों की कमजोरियां, नीतियों का सही लागू न होना, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक चीज़ों के विज्ञापन और पैकेजिंग पर कड़ी निगरानी का अभाव इस समस्या को और बढ़ा रहा है।
डा कैथरीना ने कहा कि दिल की बीमारियों से निपटने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, तंबाकू और शराब का सेवन, अधिक नमक और वसा युक्त आहार और शारीरिक निष्क्रियता हृदय रोग का जोखिम बढ़ाते हैं। इसलिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने के साथ सरकारों को इन खतरों पर नियंत्रण के उपाय अपनाने होंगे। नमक कम करना, ट्रांस वसा हटाना, तंबाकू पर कानून लागू करना और लोगों को नियमित शारीरिक गतिविधि और तनाव प्रबंधन के लिए प्रेरित करना बेहद जरूरी है।
