गलत लाइफस्टाइल और टेंशन भरी दिनचर्या ने आजकल पाइल्स की परेशानी को बहुत आम बना दिया है। यह एक ऐसी दिक्कत है जिसमें गुदा के पास की नसें सूज जाती हैं। इससे दर्द होता है। जलन होती है। कई बार खून भी निकलने लगता है।
डॉ अजीत बताते हैं कि पाइल्स की सबसे बड़ी वजह कब्ज और असंतुलित खाना है। अगर वक्त रहते खाने पीने पर ध्यान दिया जाए तो इस तकलीफ को बढ़ने से रोका जा सकता है। सही डाइट न सिर्फ पाचन को ठीक रखती है बल्कि मल को मुलायम बनाकर दर्द और सूजन से राहत देती है।
डॉ अजीत के मुताबिक पाइल्स यानी बवासीर दरअसल गुदा की सूजी हुई नसें होती हैं। जिनमें सूजन के साथ दर्द और जलन होती है। कुछ लोगों में खून भी आने लगता है। इसका मुख्य कारण गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या होती है।
पाइल्स के मरीज को ऐसा खाना चाहिए जो पाचन को दुरुस्त रखे और कब्ज से राहत दे। साबुत अनाज खाना फायदेमंद होता है जैसे दलिया, ओट्स, ब्राउन राइस। हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी, लौकी, तुरई अच्छी रहती हैं। साथ ही फल जैसे पपीता, अमरूद, सेब, नाशपाती भी मदद करते हैं। दही, छाछ, और मट्ठा पाचन को मजबूत करते हैं। दिनभर में खूब पानी पीना जरूरी है। रात को एक गिलास गुनगुने दूध में थोड़ा इसबगोल लेना भी लाभ देता है।
डॉ अजीत कहते हैं कि कुछ चीजें पाइल्स की तकलीफ को और बढ़ा देती हैं। जैसे तली भुनी चीजें, बहुत मिर्च वाला खाना, रेड मीट, जंक फूड, पैकेट वाले स्नैक्स, शराब, चाय, कॉफी। इनसे दूरी बनाना जरूरी है। खाना खाते वक्त लंबे समय तक बैठे रहना या एक बार में ज्यादा खाना भी पाचन को बिगाड़ देता है।
पाइल्स के मरीज को दिन में थोड़ा थोड़ा कई बार खाना चाहिए। भारी भोजन पाचन तंत्र पर दबाव डालता है जिससे तकलीफ और बढ़ जाती है।
डॉ अजीत कहते हैं कि फलों और जूस से शरीर को राहत मिलती है। फाइबर और पानी वाले फल जैसे पपीता, तरबूज, संतरा, बेल का शर्बत काफी फायदेमंद होते हैं।
सादा दूध थोड़ी मात्रा में लिया जा सकता है लेकिन मलाईदार या ठंडा दूध नुकसान कर सकता है। डॉ अजीत छाछ और मट्ठा को बेहतर मानते हैं
