गैरसैंण। चमोली जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं की खराब हालत ने स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मरीजों को उचित इलाज मिलने में लगातार समस्याएं आ रही हैं और गर्भवती महिलाओं को भी जरूरी मदद नहीं मिल पा रही है जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ गई है। हाल ही में एक महिला और उसके नवजात शिशु की मौत ने क्षेत्र में गहरा सदमा पैदा कर दिया है और इसके विरोध में स्थानीय लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया है।
30 अगस्त को फुलढुंगी गांव की 25 वर्षीय महिला प्रसव पीड़ा में परिजनों के साथ गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गई थी। महिला ने नवजात को जन्म दिया लेकिन बच्चे की मौत हो गई। जैसे ही यह खबर महिला को पता चली उसकी हालत बिगड़ गई और प्राथमिक उपचार के बाद उसे उच्च अस्पताल के लिए भेजा गया लेकिन रास्ते में महिला का भी निधन हो गया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैला दिया। महिला का पति सेना में तैनात हैं और करगिल में सेवा दे रहे हैं।
मृत्यु की घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाई। हजारों की संख्या में महिलाएं, स्थानीय जनप्रतिनिधि और व्यापारियों ने रामलीला मैदान में इकट्ठा होकर मुख्य बाजार से विशाल रैली निकाली और स्वास्थ्य मंत्री तथा प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध जताया। गैरसैंण व्यापार संघ ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए दोपहर तक अपने प्रतिष्ठान बंद रखे।
स्थानीय लोगों ने गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की मांग दोहराई और चेताया कि अगर सुधार नहीं हुआ तो वे लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे। प्रशासन ने फिलहाल क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है और लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है और छोटी लापरवाही भी जानलेवा हो सकती है।
