उत्तराखंड के हरिद्वार में रविवार को मनसा देवी मंदिर में हुई एक दुखद भगदड़ में कम से कम 6 लोगों की मौत की खबर सामने आई है और कई अन्य घायल भी बताई जा रहे हैं। यह हादसा मंदिर की सीढ़ियो पर हुआ।
श्रावण मास के दौरान श्रद्धालु काफी भीड़ यहां पर थी। बचाव अभियान अभी भी जारी है। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया जा रहा है कि कुछ लोगो के घायल होने की सूचना मिली थी जिसे पुलिस ने तुरंत अस्पताल पहुंचा दिया है। 35 लोगों के घायल और 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
डोभाल ने बताया कि, अन्य घायलों का इलाज चल रहा है। प्रथम दृष्टया, मंदिर मार्ग से 100 मीटर नीचे सीढ़ियों पर बिजली का झटका लगने की अफवाह के कारण भगदड़ मची। हम आगे की जांच कर रहे हैं।
घायलों में से बिहार के एक श्रद्धालु ने घटना का आंखों देखा हाल बताते हुए कहा कि, ‘अचानक, वहां भारी भीड़ जमा हो गई और भगदड़ मच गई। इस दौरान मैं गिर गया और मेरा हाथ टूट गया।’
हर साल श्रावण मास के दौरान हरिद्वार में तीर्थ यात्रा की भारी भीड़ आती है।
खासकर हर की पौड़ी और मनसा देवी में हालांकि इस साल भारी भीड़ के कारण स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई और भगदड़ मच गई।जिससे एक बार फिर धार्मिक समारोहों में क्राउड मैनेजमेंट का मुद्दा गरमा गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस का राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) और स्थानीय पुलिस राहत कार्यों में लगे हुए हैं। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने शुरुआत में छह मौतों की पुष्टि की और कहा कि, ‘पुलिस बल तुरंत मौके पर पहुंचा और बचाव अभियान शुरू किया। लगभग 35 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से छह की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भगदड़ का मुख्य कारण बिजली के करंट की अफवाहों से फैली दहशत प्रतीत होता है।’
