स्थानांतरण एक्ट लागू करे सरकार

अल्मोड़ा:उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन उत्तराखंड कुमाऊं मण्डल नैनीताल के पूर्व मंडलीय अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि स्थानांतरण अधिनियम 2017 लागू 2018…

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अल्मोड़ा:उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन उत्तराखंड कुमाऊं मण्डल नैनीताल के पूर्व मंडलीय अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि स्थानांतरण अधिनियम 2017 लागू 2018 के द्वारा प्रदेश में शिक्षा विभाग में लागू नहीं किया जा रहा है जिससे कार्मिकों में अत्यधिक रोष व्याप्त है।


उन्होंने कहा कि वर्ष भर से इंतजार कर रहे कार्मिक स्थानांतरण के इंतजार में थे लेकिन माह सितम्बर बीतने को है स्थानांतरण नीति लागू नहीं हुई। राजकीय सेवा में वर्ष भर से पदोन्नति व स्थानांतरण दो पहलू होते हैं उन्हें रोका जाना सबसे शर्मनाक स्थिति है। यह प्राकृतिक न्याय व मानवाधिकार का भी उल्लंघन है।


उन्होंने कहा कि स्थानांतरण नीति के तहत जिन कार्मिकों ने स्थानांतरण हेतु विकल्प दिए उन विकल्पों पर भी विभाग द्वारा पदोन्नति दे दी हैं और अब उन कार्मिकों को यह भी नहीं अवगत कराया गया कि उनसे दुबारा विकल्प लेंगे या नहीं नियमत:, विभाग को भी अपने मन से विकल्प पर निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है जब तक कि अंतिम रूप से मामला निस्तारण नहीं होता। गंभीर बीमार, कई वर्ष से दुर्गम में तैनात एकल अभिभावक तथा कई कैटेगरी में तैनात कार्मिक इंतजार करते हुए मायूस हो रहे हैं ।


उन्होंने कहा कि इस पर मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए। उत्तराखंड राज्य को बनाने के वर्ष 94 में 94 दिन की हड़ताल की थी ऐसी उम्मीद नहीं थी कि राज्य आंदोलनकारी कार्मिकों को भी ऐसे दिन देखने को मिलेंगे। पदोन्नति का आधार भी कोटिकरण उपरांत सुगम दुर्गम है और स्थानांतरण में भी दुर्गम व सुगम ही आधार है लेकिन इसे आधार बनाकर स्थानांतरण बाधित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। वर्ष भर में पदोन्नति और स्थानांतरण किसी भी दशा में रूकने नहीं चाहिए। विधानसभा द्वारा पारित एक्ट को रोका जाना मज़ाक का विषय बन गया है। हजारों कार्मिकों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जाना गंभीर विषय है। इस पर निर्णय शीघ्रता से होना चाहिए तथा हर हाल में स्थानांतरण होने चाहिए। अनिवार्य स्थानांतरण के बाद अनुरोध स्थानांतरण जरूरी है एक्ट में पहले अनिवार्य फिर अनुरोध स्थानांतरण का जिक्र है लेकिन फिर क्रियान्वयन के समय
पहले सुगम से दुर्गम फिर अनुरोध और अनिवार्य स्थानांतरण दुर्गम से सुगम को तीसरे स्थान पर धकेल दिया गया है यह भी गंभीर मामला है इसका भी निराकरण किया जाना जरूरी है। लंबित मामलों में फारगो नियमावली विसंगति निराकरण, गोल्डन कार्ड विसंगति शिथिलीकरण के तहत भर्ती वर्ष के भीतर पदोन्नति करना चिकित्सा प्रतिपूर्ति में भुगतान किए जाना मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को आहरण एवं वितरण अधिकार प्रदान किया जाना लेवल 11 प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी का पद सृजन ,पदों का आमेलन सहित तमाम विसंगति मामलों को भी विभिन्न संगठनों को वार्ता का निमंत्रण देकर निस्तारण करना चाहिए। पूर्व मंडलीय अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार पाठक ने कहा कि उम्मीद है कि हजारों कार्मिकों की समस्यायों का निस्तारण किया जायेगा।