सरकार ने जीएसटी दरों में की गई कटौती का असर आम लोगों तक सीधे पहुंचाने के लिए कदम तेज कर दिए हैं। अब हर उत्पाद की कीमतों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। अधिकारियों को एमआरपी का पूरा ब्योरा जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर कोई कंपनी ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए जानबूझकर दाम बढ़ाती है तो उसे नोटिस जारी किया जाएगा।
वित्त मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर कंपनियां कीमतें घटाने को तैयार हैं। सबसे बड़ी चुनौती रोजमर्रा की जरूरत वाली वस्तुओं की कीमतों पर है। इसके लिए सरकार ने व्यवस्था बना दी है। हर जोन से उत्पादों की एमआरपी का तुलनात्मक ब्योरा मांगा गया है। सरकार सिर्फ कंपनियों के भरोसे पर नहीं चल रही है।
राजस्व विभाग ने सीजीएसटी से जुड़े सभी जोन के प्रमुख आयुक्तों से कहा है कि वे 22 सितंबर से पहले और उसके बाद की एमआरपी का विवरण दें। यह रिपोर्ट 30 सितंबर तक जमा करनी है। इसके आधार पर यह तय होगा कि कहीं कंपनियां जीएसटी दरों में कमी का फायदा जनता तक पहुंचाने की बजाय मुनाफा तो नहीं कमा रही हैं।
सरकार ने साफ कर दिया है कि अगले 6 महीने तक हर जोन को यह रिपोर्ट भेजनी होगी। हर महीने की 20 तारीख तक ब्योरा जमा करना जरूरी होगा। कुल 54 श्रेणियों के उत्पादों की कीमतों की रिपोर्ट देनी अनिवार्य है। इसका सीधा मतलब है कि जीएसटी विभाग लगातार इस पर नजर रखेगा और अगर कहीं गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई होगी।
कानून के मुताबिक जब टैक्स दर घटाई जाती है या इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा मिलता है तो उसका असर ग्राहकों तक पहुंचाना जरूरी है। अगर कोई कंपनी ऐसा नहीं करती है तो इसे मुनाफाखोरी माना जाएगा। कार्रवाई का अधिकार जीएसटी अधिकारियों के पास है।
राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण को भी यह अधिकार है कि वह ऐसी शिकायतों को सुने और कंपनियों पर कार्रवाई करे। अगर कोई कंपनी दाम बढ़ाकर अनावश्यक फायदा उठाने की कोशिश करती है तो उसके खिलाफ एनएए में शिकायत की जा सकती है।
अब मेडिकल स्टोर पर दवाइयों की नई रेट लिस्ट लगाना जरूरी होगा। यह सूची ग्राहकों के लिए आसानी से दिखनी चाहिए। फार्मा कंपनियां और मार्केटिंग कंपनियां यह सूची जारी करेंगी। यह डीलरों और दुकानदारों के पास उपलब्ध होगी।
व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। परिवार के लिए लिया गया स्वास्थ्य बीमा भी कर मुक्त रहेगा। वहीं आरोग्य और सौंदर्य सेवाओं पर 5% जीएसटी लागू किया गया है। होटल के कमरे जिनका किराया ₹7,500 प्रतिदिन तक है उन पर भी सिर्फ 5% जीएसटी लिया जाएगा।
