रुड़की में रहने वाले एक युवक के साथ ऐसी ठगी हो गई जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की थी। मां की तबीयत को लेकर वह जल्दी से किसी अच्छे डॉक्टर का नंबर ढूंढ रहा था , लेकिन गूगल पर मिला नंबर उसके लिए बड़ी परेशानी का कारण बन गया। उस नंबर पर की गई साधारण कॉल कुछ ही मिनटों में एक लाख रुपये की भारी चपत में बदल गई।
पीड़ित जितेंद्र बाजुहेड़ी गांव का रहने वाला है। उसने बताया कि उसने इंटरनेट पर शहर के एक बड़े डॉक्टर का नंबर खोजा था। जो नंबर मिला , उसी पर तुरंत फोन लगा दिया। फोन उठाने वाले ने खुद को डॉक्टर का सहायक बताते हुए बात की और उसे कहा कि एक लिंक भेज रहा हूं , इसे मोबाइल में इंस्टॉल कर लो ताकि डॉक्टर से सीधा संपर्क हो सके। जितेंद्र ने बिना शक किए लिंक पर क्लिक किया और एप अपने फोन में डाल लिया।
एप इंस्टॉल होते ही उसका मोबाइल नंबर ठगों के हाथ में चला गया। यही नंबर उसकी मां के बैंक खाते से जुड़ा हुआ था। नंबर पर पकड़ बनते ही ठगों ने खाते में घुसपैठ कर ली और दो बार यूपीआई के जरिए 50–50 हजार रुपये निकाल लिए। जब तक जितेंद्र को इसका अंदाजा हुआ , खाते से पूरा एक लाख रुपये साफ हो चुका था।
घटना समझ में आते ही जितेंद्र ने बैंक से संपर्क किया। बैंक ने मामले को गम्भीर बताते हुए तुरंत खाते को अस्थायी रूप से रोक दिया , ताकि आगे कोई लेनदेन न हो सके। इसके बाद जितेंद्र ने कलियर थाने पहुंचकर पूरी ठगी की शिकायत दी और कार्रवाई की मांग की।
थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ठगों के भेजे लिंक , कॉल नंबर और यूपीआई लेनदेन की तकनीकी जांच में लग गई है। पुलिस का कहना है कि घटना को जल्द ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है।
