उत्तराखंड में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं को सभी तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने को निशुल्क कोचिंग की सुविधा दी जा रही है। मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में कमजोर वर्ग के छात्रों के प्रशिक्षण परीक्षाओं को निशुल्क कोचिंग योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी।
मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया और कहा कि निशुल्क कोचिंग योजना की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए। प्रतियोगियों का चयन स्क्रीनिंग के माध्यम से होगा तथा प्रतियोगियों की सुविधा के अनुरूप तैयारी का टाइम भी तैयार किया जाएगा।
उन्होंने निर्देशित किया कि निःशुल्क कोचिंग में किसी भी तरह की खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए तथा इसका आउटकम जरुर निकलना चाहिए। उन्होंने इसके लिए शीघ्रता से सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के उन्होंने निर्देश दिए।
इस दौरान निदेशक शिक्षा डॉक्टर मुकुल कुमार सती ने यह भी कहा कि इस वर्ष 10000 छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। कक्षा 11 में पढ़ने वाले प्रतियोगियों को 2 वर्ष की कोचिंग दी जाएगी जबकि 12वीं पास करने वाले प्रतियोगियों को केवल 1 वर्ष की कोचिंग दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि कोचिंग आर्ट्स, साइंस तथा कॉमर्स तीनों तरह के स्ट्रीम के अनुरूप दी जाएगी और इसमें लगभग सभी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त मेधावी प्रतियोगियों को 6 वर्ष की एडवांस कोचिंग भी दी जाएगी। इस अवसर पर बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव मनुज गोयल सहित संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
