धनतेरस और दिवाली से पहले सोने चांदी के दामों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। आज 13 अक्टूबर को सोना एक झटके में दो हजार दो सौ चवालीस रुपये महंगा हो गया है। वहीं चांदी के भावों में भी बड़ा उछाल आया है और यह छह हजार छह सौ पच्चीस रुपये प्रति किलो बढ़ गई है। अब 24 कैरेट सोने की कीमत जीएसटी समेत एक लाख सत्ताइस हजार चार सौ ब्यासी रुपये प्रति दस ग्राम पहुंच गई है। जबकि चांदी की कीमत जीएसटी सहित एक लाख छिहत्तर हजार दो सौ अट्ठावन रुपये प्रति किलो हो गई है।
अक्टूबर महीने की शुरुआत से अब तक सोने में आठ हजार चार सौ बीस रुपये प्रति दस ग्राम की तेजी आई है। इसी दौरान चांदी के भावों में भी बाईस हजार छियासठ रुपये प्रति किलो का उछाल देखा गया है।
इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के मुताबिक आज 24 कैरेट सोना बिना जीएसटी एक लाख तेईस हजार सात सौ उनहत्तर रुपये प्रति दस ग्राम पर खुला। जबकि शुक्रवार को इसका भाव एक लाख इक्कीस हजार पांच सौ पच्चीस रुपये प्रति दस ग्राम था। चांदी की बात करें तो शुक्रवार को यह बिना जीएसटी एक लाख चौंसठ हजार पांच सौ रुपये प्रति किलो पर बंद हुई थी। आज यह एक लाख इकहत्तर हजार एक सौ पच्चीस रुपये प्रति किलो के रेट से खुली है।
आज 23 कैरेट सोना भी दो हजार दो सौ पैंतीस रुपये चढ़कर एक लाख तेईस हजार दो सौ तिहत्तर रुपये प्रति दस ग्राम पहुंच गया है। जीएसटी सहित इसकी कीमत अब एक लाख छब्बीस हजार नौ सौ इकहत्तर रुपये प्रति दस ग्राम हो गई है। वहीं 22 कैरेट सोना दो हजार पचपन रुपये बढ़कर एक लाख तेरह हजार तीन सौ बहत्तर रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंचा है। जीएसटी जोड़ने के बाद इसकी कीमत एक लाख सोलह हजार सात सौ तिहत्तर रुपये हो गई है।
18 कैरेट सोना आज सोलह सौ तिरासी रुपये की बढ़त के साथ बानवे हजार आठ सौ सत्ताईस रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया है। जीएसटी के साथ इसकी कीमत पचानवे हजार छह सौ ग्यारह रुपये हो गई है। जबकि 14 कैरेट सोना भी तेरह सौ तेरह रुपये महंगा होकर बहत्तर हजार चार सौ पांच रुपये प्रति दस ग्राम पर खुला और अब यह जीएसटी सहित चौहत्तर हजार पांच सौ सतहत्तर रुपये प्रति दस ग्राम हो गया है।
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी की बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हालात बताए जा रहे हैं। अमेरिका में सरकारी कामकाज ठप होने की स्थिति और फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता के चलते दुनिया के वित्तीय बाजारों में हलचल बढ़ी है। अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और ब्याज दरों में कटौती ने भी निवेशकों का रुझान सोने की तरफ बढ़ाया है। दूसरी ओर कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने हाल के वर्षों में सोने की भारी खरीद की है जिससे इसकी कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं।
घरेलू स्तर पर भी सोने की कीमतें बढ़ने की एक अहम वजह रुपये की कमजोरी है। इस साल रुपया करीब तीन दशमलव आठ प्रतिशत गिरा है जिससे सोना आयात करने में खर्च बढ़ गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अपने सोने के भंडार में इजाफा किया है जो दो साल में आठ दशमलव एक प्रतिशत से बढ़कर चौदह प्रतिशत तक पहुंच गया है। इससे निवेशकों का भरोसा और ज्यादा मजबूत हुआ है और त्योहारों से पहले बाजार में सोने चांदी की कीमतों में उछाल दर्ज किया गया है।
